आमतौर पर राजभवन में ज्ञापन देने की यह परंपरा रहती है जब बड़े नेता, अलग-अलग दलों के नेता एक मुद्दे पर राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन देकर आते हैं तो मीडिया को साझा बयान जारी किया जाता है।
आज के कार्यक्रम के माध्यम से भूपेंद्र सिंह हुड्डा यह संदेश देना चाहते थे कि इस लड़ाई में अशोक तंवर अकेले पड़ गए हैं और कुमारी सैलजा तथा किरण चौधरी उनके साथ आ गई हैं। राजभवन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने गुट के विधायकों के साथ पहुंचे, जबकि किरण चौधरी अकेले राजभवन पहुंची। कुमारी सैलजा सबसे अंत में और उनके महिला महिला कांग्रेस अध्यक्षा सुष्मिता देव पहुंची।
राजभवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज हुड्डा गुट तथा महिला कांग्रेस द्वारा राज्यपाल से मुलाकात के लिए अलग-अलग समय मांगा गया था लेकिन मुद्दा एक होने के चलते राज्यपाल ने थोड़े-थोड़े अंतराल पर दोनों को बुला लिया। बताया जाता है कि हुड्डा गुट व महिला कांग्रेस द्वारा राज्यपाल के कार्यालय में भेजी गई दोनों सूचियों में किरण चौधरी का नाम शामिल था।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद हुड्डा जैसे ही बाहर आए मीडिया से बात करने लगे तो उन्होंने अपने अमले को निर्देश दिए कि वह कुमारी सैलजा को भी यहां बुलाए ताकि साझा बयान जारी किया जा सके। बार-बार बुलाने पर भी सैलजा वहां नहीं आई जहां हुड्डा मीडिया से बात कर रहे थे। अलबत्ता सैलजा ने मीडिया को अलग से बयान देते हुए कहा कि हरियाणा में लगातार बिगड़ रही कानून व्यवस्था का मुद्दा वह राज्यसभा में उठा चुकी हैं।
जिस पर केंद्र सरकार ने जवाब भी दिया है। ऐसे में आज यहां महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा के आगमन तथा हरियाणा की सांसद के नाते यहां आना उनकी जिम्मेदारी थी। उधर किरण चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कई बार यह दोहराया और साफ किया कि यहां आने से पहले उन्होंने अशोक तंवर से बातचीत करके पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी। तंवर आज गुरुग्राम में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और तंवर ने ही उनकी डयूटी चंडीगढ़ में लगाई थी।
कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत में किरण चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि आज महिला कांग्रेस अध्यक्षा सुष्मिता देव के नेतृत्व में राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है और विधायक दल की नेता होने के नाते वह उनके साथ थी। इसके अलावा कांग्रेस के सभी विधायक उनके नेतृत्व में वहां गए थे।