पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट इस मामले में शुरू से ही सख्त रूख अपनाए हुए है। हाईकोर्ट में हरियाणा के महाधिवक्ता ने आज पूरे घटनाक्रम पर स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की। जिसमें उन्होंने कहा कि डेरा मुखी जब सिरसा से पंचकूला के लिए रवाना हुए तो उनके काफिले में 350 वाहन शामिल थे। जब वह पंचकूला पहुंचे तो उनके काफिले में 173 गाडिय़ां थी।
महाधिवक्ता का जवाब सुनकर अदालत ने पूछा कि सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि केवल पांच गाडिय़ां ही पंचकूला में प्रवेश करेंगी। इसके बावजूद इतनी संख्या में गाडिय़ां कैसे पहुंच गई।
महाधिवक्ता इस सवाल का संतुष्टीजनक जवाब नहीं दे सके और उन्होंने कहा कि काफिले को सिरसा के एसडीएम ने आने की इजाजत दी थी। अदालत ने जब उनसे यह पूछा कि सिरसा से रवाना हुई 177 गाडिय़ां इस समय कहां हैं, और राम रहीम ने उन्हें कहां छोड़ा था। सरकारी वकील अदालत के इस सवाल का भी उचित जवाब नहीं दे सके। इसके बाद अदालत ने पूछा कि राम रहीम की सुरक्षा गाड़ी में कितने निजी सुरक्षा कर्मी सवार थे।
महाधिवक्ता ने कहा कि इसकी सही जानकारी नहीं मिल पाई है क्योंकि उस समय के माहौल के अनुसार गाड़ी में सवार निजी सुरक्षा कर्मियों की गिनती कर पाना मुश्किल था। अदालत ने जब उनसे यह पूछा कि सिरसा में कफ्र्यू के बावजूद इतनी संख्या में गाडिय़ां कैसे सडक़ पर उतरी और सरकार द्वारा कितनी गाडिय़ों को कफ्र्यू पास मुहैया करवाया गया था तो वह कोई जवाब नहीं दे सके।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा अब तक प्रदेशभर के करीब 100 नामचर्चा घरों की जांच की जा चुकी है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 25 अगस्त को हुई हिंसा में जिन लोगों का नुकसान हुआ है उन्हें मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।