पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो इन प्रत्याशियों को उतारने का फैसला अभय चौटाला का था। अंबाला सीट से सेवानिवृत्त आईएएस एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता बी.डी. ढालिया का नाम लगभग तय था लेकिन अभय ने बड़ा कदम उठाते हुए यमुनानगर के पूर्व डिप्टी मेयर एवं चार बार पार्षद रहे रामपाल वाल्मीकि को चुनाव मैदान में उतारा है।
हिसार लोकसभा सीट से पार्टी के किसान प्रकोष्ठ से जुड़े रहे सुरेश कौंथ एक समय में अजय चौटाला के करीबी होते थे। वर्तमान हालातों मेें कौंथ व उनके समर्थक दुष्यंत चौटाला के साथ न जाएं इसके लिए अभय ने उन्हें चुनाव मैदान में उतार कर बड़ा तमगा लगा दिया है।
सिरसा लोकसभा सीट पर चरणजीत सिंह रोड़ी को इसलिए टिकट दी गई है कि वह हाल ही में हुई उठापटक के बावजूद अभय चौटाला के साथ तटस्थ रहे हैं। लोकसभा में दुष्यंत के साथी होने के बावजूद रोड़ी ने अपनी वफादारी नहीं छोड़ी। जिसके चलते पार्टी ने उन्हें दोबारा चुनाव मैदान में उतार दिया है।
फरीदाबाद में भी अभय ने पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वर्तमान में पार्टी के प्रदेश सचिव महेंद्र सिंह चौहान को चुनाव मैदान में उतारा गया है। करनाल लोकसभा सीट से पार्टी के जिला अध्यक्ष को चुनाव मैदान में उतारने की बता कही जा रही थी लेकिन अभय ने करनाल को छोड़ असंध को आगे करते हुए यहां से असंध विधानसभा के अध्यक्ष धर्मवीर पाड़ा को सीधे लोकसभा चुनाव लड़वा दिया है।
सोनीपत लोकसभा सीट से पूर्व पुलिस महानिदेशक एम.एस. मलिक का नाम आज सुबह तक लगभग तय था लेकिन अभय चौटाला ने इस सीट पर भी पार्टी के साथ लंबे समय से जुड़े जिला कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र छिकारा पर दांव लगा दिया है।
लोकसभा के माध्यम से विधानसभा की तैयारी
अभय चौटाला ने आज जिन प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है उनमें चरणजीत सिंह रोड़ी को छोडक़र अन्य कोई भी ऐसा नहीं है जिसका लोकसभा स्तर पर प्रभाव हो लेकिन छोटे कार्यकर्ता को बड़ा सम्मान देकर अभय ने भविष्य की रणनीति पर काम किया है। लोकसभा में उतरे प्रत्याशियों का अपने-अपने क्षेत्र में ही प्रभाव है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इनेलो के प्रत्याशी लोकसभा चुनाव लड़ते हुए विधानसभा की तैयारी करेंगे।