सिरसा जिले के बाजेकां, सिंकदरपुर, दड़बी, जमाल, झोरडऩाली, खैरेकां व चामल सहित दर्जनभर गांवों के लोग सोमवार को उपायुक्त से मिले और एक ज्ञापन देकर डेरा प्रमुख की पैरोल पर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई। उपायुक्त को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा था कि डेरा प्रमुख को अगस्त 2017 में साध्वी यौन शौषण मामले में हुई सजा के दौरान सिरसा में भड़की हिंसा में उनके गांवों में अंशाति का माहौल बन गया था, जिससे ग्रामीणों के दैनिक जीवन पर विपरीत असर पड़ा था तथा ग्रामीणों के खेती सहित अन्य कार्य प्रभावित हुए थे।
उन्होंने आशंका जताई है कि अगर डेरा प्रमुख को पैरोल ( Ram Rahim parole ) मिलती है, तो सिरसा व आसपास के गांवों का अमन-चैन प्रभावित हो सकता है। उनका अमन पसंद क्षेत्र एक बार फिर हिंसा की आग में झोंका जा सकता है। गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम की पैरोल याचिका को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी बहुत ज्यादा थीं। एक वर्ग जहां उनकी पैरोल को राजनीतिक घटनाचक्रों के साथ जोड़ रहा था, तो दूसरा वर्ग उनकी पैरोल की पैरवी भी कर रहा था।