जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता को दी गई सूचना आंखें खोलने वाली है। सूचनाओं से पता चला है कि शहर के कई इलाकों में आपूर्ति किया जा रहा पेयजल शुद्ध नहीं है। शहर में दो परियोजनाओं से पेयजल आपूर्ति की जाती है। इन परियोजनाओं के साथ बडे जल भण्डारण टेंक बनाए गए है। इन टेंकों पर पानी को शुद्ध करके बूस्टिंग स्टेशनों के जरिए इनकी आपूर्ति की जाती है। इनके अलावा 35 ट्यूबवैल भी जलापूर्ति के लिए है।
अब विडम्बना यह है कि जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने ही आपूर्ति किए जा रहे जल के चार नमूने लिए और विभाग की प्रयोगशाला में ही इनकी जांच करवाई। जांच में चारों नमूने पेयजल के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए। इनमें पेओडा रोड जल सयंत्र,शक्तिनगर,चांदना रोड और राधा स्वामी कालोनी जल संयंत्रों से लिए गए जल नमूने शामिल है।
इसी तरह बाडा कटेहरा,सुदरान मोहल्ला,श्री पुज मोहल्ला,सरोजिनी मोहल्ला,चांदना गेट,तिवारी मोहल्ला,तलाई बाजार,चिरंजीव काॅलोनी में आपूर्ति किए जा रहे पानी के नमूनों में काॅलीफाॅर्म मानक सीमा से अधिक पाए गए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि जल उपचार सयंत्र बहुत समय पहले लगाए गए थे और विभाग ने इनकी उपचार क्षमता के बारे में जानकारी नहीं दी है। इसके अलावा हुडा के सेक्टर 18 से पानी के नमूने जांच के लिए नहीें लिए गए। विभाग ने लघु सचिवालय,जज काॅलोनी और जिला परिषद भवन में आपूर्ति किए जा रहे पानी की गुणवत्ता के बारे में विभाग ने जानकारी नहीं दी है। विभाग ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि सरकारी स्कूलों व अस्पतालों को आपूर्ति किए जा रहे पानी के नमूने नहीं लिए गए है।