मूल रूप से हरियाणा के जींद जिला के गांव राजपुरा भैण निवासी जगदीप सिंह वर्ष 2017 में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के विरूद्ध साध्वी यौन शोषण मामले में फैसला सुनाया।
डेरा प्रमुख राम रहीम की जिंदगी का फैसला सुनाने वाले जज जगदीप सिंह एडीजी स्तर के न्यायिक अधिकारी है। जगदीप सिंह 2012 में न्यायिक सेवा में आए थे। इससे पहले वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में क्रिमिनल मामलों के वकील के रूप से सक्रिय थे। उन्होंने 2000 से लेकर 2012 तक अपराधिक मामलों के मुकदमे लड़े।
जगदीप सिंह ने अपनी प्रारंभिक आठवीं कक्षा तक की शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से ली थी। इसके बाद वह बाहर पढऩे चले गए। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में कानून की पढ़ाई कर वर्ष 2012 में ज्यूडिशियल सर्विस ज्वाइन की। अब वह सीबीआई कोर्ट पंचकूला में जज हैं।
ज्यूडिशियल सर्विस में आने से पहले जगदीप सिंह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील थे। ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखने वाले जस्टिस जगदीप सिंह दो भाइयों में छोटे हैं। उनके बड़े भाई डॉ.राजबीर सिंह लोहान लोक संपर्क विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। करीब तीन साल पहले जगदीप सिंह के पिता की मौत हो गई। गांव में दोनों भाइयों में कोई नहीं रहता। जगदीप सिंह अक्सर अपने गांव जाते रहते हैं।