सीतापुर जिले के स्वास्थ्य महकमे की इस बड़ी लापरवाही ने समूचे प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। हालात यह रहे कि इलाज के अभाव और डॉक्टरों की गैरमौजूदगी ने एक जा जच्चा और बच्चा की जान जोखिम में डाल दी और बच्चे का जन्म हो गया। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डाक्टरों को 24 घंटे रुकने का आदेश है। जिससे कि स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। बावजूद इन सभी आदेशों के सीएचसी में मौजूद नर्स की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला ने बच्चे को बीच सड़क पर जन्म दिया। सरकारें स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए करोड़ो रुपए खर्च कर रही है लेकिन जब डाक्टर और नर्स अस्पताल में आने वाले मरीजों से अच्छा व्यवहार नही करेंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे सुधरेगी यह एक यक्ष प्रश्न से कम नहीं है? वही जब इस बारे में सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने मामले की जाँच कराये जाने की बात कही।
जरुरी दवाओं से ही महरूम हैं सीएचसी पीएचसी
डॉक्टरों की अस्पताल में मौजूदगी के तमाम सख्त आदेश करने के बावजूद लापरवाही से दो चार हो रहे अधिकारियों ने छोटे छोटे गांवों में बनायीं गयीं सीएचसी पीएचसी में दवाएं ही नहीं हैं। सूत्र बताते हैं कि जरूरत की दवाएं ही छोटे मझोले अस्पतालों में ही उपलब्ध नहीं है लिहाजा इलाज के अभाव से ही आये दिन लोग परेशान हो रहे हैं।