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मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ रिश्ता तोड़ने की तैयारी, सीएम योगी आदित्यनाथ भी हुए खफा, माहौल हुआ गर्म

locationसीतापुरPublished: Nov 13, 2018 11:59:45 am

योगी सरकार के तमाम फैसलों के खिलाफ बयान देने वाले ओम प्रकाश राजभर को लेकर बड़ी खबर…

CM Yogi Adityanath angry with OM Prakash rajbhar

मंत्री ओम प्रकाश राजभर के साथ रिश्ता तोड़ने की तैयारी, सीएम योगी आदित्यनाथ भी हुए खफा

लखनऊ. यूपी में बीजेपी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के लिए मुसीबत बन चुके उसके अपने ही मंत्री ओम प्रकाश राजभर को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही कोई बड़ा एक्शन ले सकते हैं। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक योगी सरकार के तमाम फैसलों के खिलाफ बयान देने वाले राजभर को अब इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। दरअसल सीएम योगी ने ओम प्रकाश राजभर के पर कतरने की तैयारी शुरू कर दी है।
खफा हुए सीएम योगी आदित्यनाथ

इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ओम प्रकाश राजभर द्वारा सरकार के खिलाफ दिए जाने वाले बयानों को लेकर अभी तक चुप्पी साधने वाले बीजेपी नेता अब उन पर आक्रामक हो गए हैं। इसकी कमान खुद सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संभाल ली है। सीएम योगी ने राजभर के ताजा बयान को विनाश काले विपरीत बुद्धि बताया, तो वहीं केशव प्रसाद मौर्य ने तो उन्हें हद में रहने तक की चेतावनी दे डाली।
राजभर पर नहीं पड़ा असर

हालांकि इन सबका राजभर के तेवरों कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने कहा कि यह तो समय ही बताएगा कि किसका विनाश काल है और किसकी विपरीत बुद्धि है। राजभर ने कहा कि मैं आज भी अपने बयान पर टिका हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने तीन मुस्लिम नेताओं के नाम बदले। कहीं का नाम बदलने से गरीबों को शिक्षा नहीं मिल जाएगी। राजभर ने कहा कि बीजेपी के एक मुस्लिम नेता की शादी संघ के बड़े नेता की भतीजी से की थी और उनका नाम बदल दिया गया था। लेकिन वह आज भी मुस्लिम नाम ही इस्तेमाल करते हैं। इसलिए बीजेपी को चाहिए कि पहले उस नेता का नाम बदलें। सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि राजभर की इसी टिप्पणी से बीजेपी नेताओं में गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने राजभर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शर्तों पर बीजेपी से हुआ था समझौता

वहीं राजभर ने आरोप आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने शर्तों पर बीजेपी से समझौता किया था। उनकी शर्त थी कि प्रदेश में सरकार बनते ही वह पिछड़ों और दलितों के आरक्षण में वर्गीकरण कर उन्हें तीन हिस्सों में बांट देंगे। जिससे अति पिछड़ी और अति दलित जातियों को भी आरक्षण का फायदा मिले। लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया। आपको बता दें कि बीते दिनों उनकी पार्टी के स्थापना दिवस की रैली पर भी राजभर ने कहा था कि बीजेपी अपकी शर्तों से पीछे हट गई है।
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