आलम ये है कि सीतापुर जिले से लगातार सामने आ रही आदमखोर कुत्तों द्वारा बच्चों को मौत के घाट उतारने वाली सनसनीखेज घटनाओं से लोग इस कदर दहशतजदा हैं कि बच्चों के अभिभावक अब अपने मासूमों को आवारा कुत्तों के हमले से बचाने के लिये न तो अकेले स्कूल जाने दे रहे हैं और न ही उन्हें खेलने के लिये घर की चहर दीवारी से बाहर निकलने दे रहे हैं।
इसी बीच सीमावर्ती जिले बहराइच से एक बड़ी चौकाने वाली तस्वीर सामने आई है जिसमें दल बल के साथ घाघरा नदी से लगे बाढ़ क्षेत्र वाले इलाके का बाढ़ पूर्व तैयारियों जायजा लेने पहुंची बहराइच की महिला कलेक्टर,, माला श्रीवास्तव के नजदीक एक आवारा कुत्ता मौके पर मौजूद सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए अचानक जिलाधिकारी के नजदीक जा पहुंचा,,, गनीमत रही डीएम की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों और आस पड़ोस के लोगों ने संजीदगी का परिचय देते हुए आवारा कुत्ते को
डांट डपट कर मौके से भगाने में कामयाब रहे।
डांट डपट कर मौके से भगाने में कामयाब रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव के नजदीक अचानक पहुँचे एक काले रंग के आवारा कुत्ते को देख स्वयं डीएम भी सकपका गयीं। अब सवाल उठ रहा है कि जब आवारा कुत्ते कड़ी सुरक्षा के बीच डीएम के नजदीक पहुंच सकते हैं तो भला आम बच्चों की क्या बिसात,,, सबसे बड़ी चौकाने वाली बात ये है कि बहराइच जिले से सटे सीतापुर जिले में 13 बच्चों को मौत की नींद सुलाने वाले आवारा कुत्तों पर अभी तलक कोई लगाम नहीं लग सका है और घटनाओं का ग्राफ बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं लगातार हो रही आदमखोर कुत्तों के हमले की घटनाओं से लोगों के जेहन में ये सवाल उठ रहा है कि स्कूल जाने वाले नन्हे मुन्हें बच्चों और रोजमर्रा के कामों के लिये बिना किसी सुरक्षा कवच के हाट-बाजार की तरफ आने जाने वाली लाखों आवाम की सुरक्षा का जिम्मेदार आखिर कौन होगा?