घटना थाना थानगांव इलाके की है। यहां 17 वर्षीय नाबालिग पीड़िता का आरोप है कि बीती 29 अक्टूबर की रात जब वह अपने घर में सो रही थी, तभी पड़ोस के रहने वाले एक युवक मो. अहमद ने घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। तभी पीड़िता के चीखने चिल्लाने पर उसकी मां की आंख खुल गयी और उसने आरोपी अहमद को दबोच लिया।
पंचायत में लगाई गई आबरू की कीमत पीड़िता की मां का कहना है कि उसने गांव वालों को बुलाकर पूरे मामले की जानकारी उन्हें दी, जिसके बाद गांव वालों ने पूरा मामला पंचायत में रखा। पीड़िता का आरोप है कि जब वह मामले की शिकायत करने के लिए थाने जा रहे थे तभी आरोपियों ने मामले के लिए पंचायत बुलाई और तकरीबन आधा सैकड़ा से अधिक लोगों ने सामने उसकी आबरू की कीमत लगवाई। पीड़िता का आरोप है कि पंचायत में 50, 60, 70 हजार की तीन पर्चियां लॉटरी के रूप में डाली गईं और कहा गया कि जो पर्ची पीड़ित लड़की उठा लेगी उसे आरोपी को जुर्माना देना पड़ेगा। जिसके बाद मामला रफा दफा हो जाएगा।
थाने में नहीं हुई सुनवाई पीड़िता का आरोप है कि पंचायत ने कीमत 50 हजार लगाई और दबंगों ने मामले को यहीं पर खत्म करने की धमकी भी दी। पीड़िता का कहना है कि पंचायत में हुई बेइज्जती और अपने साथ हुए अत्याचार को लेकर न्याय पाने के लिए उसने 2 नवंबर की सुबह थानगांव थाने पर कानून का दरवाजा खटखटाया। पीड़िता का आरोप हैं कि 24 घण्टे बीत जाने के बाद भी थाने पर उसकी कोई फरियाद नहीं सुनी गई। जिससे थक हारकर वह सीतापुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया।
पुलिस कर रही कार्रवाई की बात पंचायत में किशोरी की आबरू की कीमत लॉटरी से तय करने का मामला सामने आने के बाद पुलिस के उच्चाधिकारियों ने तत्काल मामले में कार्रवाई के आदेश दिए, लेकिन स्थानीय पुलिस ने मामले में दुष्कर्म के बजाय महज छेड़छाड़ की धाराओं में केस दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लिया। मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आये और पूरे मामले की जांच करवाकर कार्यवाई की बात करने लगे। एएसपी दक्षिणी नरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि घटनाक्रम के बाद पंचायत लगने की भी बात सामने आई है, तो ऐसा गांव में कई बार देखा गया है कि लोग थाने आने से पहले आपस से समझौता करने का प्रयास करते हैं। इसकी भी जांच पड़ताल की कराई जा रही है।