गौरतलब हैं कि 31 अक्टूबर की शाम कचेहरी परिसर में अधिवक्ताओं ने एसपी के हाथ से मोबाइल छीनने और पीआरओ से मारपीट का मामला सामने आया था जिस पर एसपी ने वकीलों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए दो वकीलों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस की कार्रवाई से नाराज वकीलों ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कार्य बहिष्कार कर डीएम-एसपी के तबादले की मांग में जुट गए।
माननीयों के रवैये से नाराज दिखे अधिवक्ता सीतापुर में महापंचायत के समय अधिवक्ताओं का गुस्सा माननीयों के प्रति भी दिखा। जनपद के सभी नौ विधायकों और चारों सांसदों के अलावा कोई भी राजनितिक दलों को महापंचायत में बुलाये जाने के बाद भी कोई भी दल इस महापंचायत में शामिल नहीं हुआ। हालाँकि कुछ दलों के नेताओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया।