डॉक्टरों ने घोषित किया मृत मामला सदर जिला अस्पताल का हैं। यहां के महोली कोतवाली क्षेत्र के ग्राम फत्तेपुर निवासी नबी अहमद का 25 वर्षीय पुत्र सलाम को परिजन सुबह पेट दर्द की शिकायत के बाद बेसुध अवस्था में लेकर अस्पताल पहुंचे। जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. डी.के.गंगवार ने उसे देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। परिजनो ने पुलिस को सूचना दी कि कल रात सलाम खाना खाकर सो गया और सुबह उसके पेट में अचानक दर्द होने लगा उसी के बाद उसे अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने युवक सलाम की संदिग्ध मौत मानकर शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया। सलाम की मौत की सूचना परिजनों ने अपने रिश्तेदारों को दी। परिजनो से मिली सूचना के आधार पर मिश्रिख इलाके के निवासी मौलाना कलामुद्दीन अस्पताल आ गए। मौलाना कलामुद्दीन पेशे से मदरसा टीचर हैं और वह झाड़-फूंक का भी काम करते थे।
मौलाना ने किया जिंदा होने का दावा परिजनों के कहने पर अस्पताल के शवगृह का दरवाजा खुला तो तांत्रिक मौलाना शवगृह में दाखिल हुआ और शव को देखने के बाद उनसे युवक को जिंदा करने का दावा ठोक दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तांत्रिक ने शव पर इत्र और तेल से मालिश शुरू कर दी और कुछ देर बाद युवक की सांस चलने का दावा किया और कहा कि यदि डॉक्टर इसका सही से इलाज करेंगे तो यह जिंदा हो सकता हैं। तांत्रिक के इस दावे में के बाद डॉक्टरों में हड़कम्प मच गया और उन्होंने मामले की सूचना पुलिस को दी। आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने तांत्रिक को पकड़ लिया और उसे चौकी लाकर काफी देर तक पूछताछ की और बिना किसी लिखा पढ़ी के ही तांत्रिक को छोड़ दिया। तांत्रिक के इस कारनामे से जहां डाक्टरों के पसीना छूट गए तो वही वहां मौजूद अस्पताल के मौजूद मरीज के तीमारदारों में दिन भर चर्चा का विषय बना रहा। वहीं युवक के पोस्टमार्टम के बाद जांच रिपोर्ट में युवक की मौत जहर का सेवन करने से होना बताया जा रहा हैं।