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प्रवासी मजदूरों की मजबूरी, विकलांग बेटी को गोद में लेकर मां ने तय किया लंबा सफर

locationसीतापुरPublished: May 21, 2020 02:10:55 pm

ऐसा ही एक वाक्या सीतापुर में देखते को मिला यहां एक मां अपनी विकलांग बेटी को गोद में उठाकर घर ले जाती नजर आयी…

प्रवासी मजदूरों की मजबूरी, विकलांग बेटी को गोद में लेकर मां ने तय किया लंबा सफर

प्रवासी मजदूरों की मजबूरी, विकलांग बेटी को गोद में लेकर मां ने तय किया लंबा सफर

सीतापुर. कहते हैं कि मजदूर कभी मजबूर नहीं होता ! लेकिन लॉकडाउन के दौरान घर जाने की जल्दी में ट्रक और बस वाले इन मजदूरों की मजबूरी का जमकर फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में गैर भले ही लोगों को बीच राह में छोड़ रहे हो लेकिन यह मजदूर आज भी अपनों का हाथ और साथ नहीं छोड़े हैं। ऐसा ही एक वाक्या सीतापुर में देखते को मिला यहां एक मां अपनी विकलांग बेटी को गोद में उठाकर घर ले जाती नजर आयी।

विकलांग बेटी को गोद में लेकर मां ने तय किया लंबा सफर

हरियाणा के सोनीपत से आज तमाम मजदूर एक किराए की बस में सीतापुर पहुंचे। मजदूरों ने बताया कि उन्हें हरगांव जाना था और हरगांव जाने के लिए ही उन्होंने बस को किराए पर लिया था। मजदूरों के मुताबिक बस के चालक ने 1500 रुपये प्रति सवारी के हिसाब से किराया भी लिया लेकिन बस के ड्राइवर ने हरगांव से 25 किलोमीटर पहले सीतापुर शहर के बाहर ही इन सभी मजदूरों को उतार दिया। बस से उतरने वाले तमाम मजदूर अपना सामान लेकर चलते बने। लेकिन इस बस में एक मां भी थी इसके साथ एक विकलांग जवान बेटी भी थी। मां ने बेटी को गोद में लेकर हरगांव की ओर कूच किया ऐसे में वहां पर इस मां की पीड़ा समझने और मदद करने वाला कोई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था। लेकिन मां द्वारा जवान बेटी को गोद में लेकर घर जाने के इस दृश्य ने एक बात जरूर बता दी है कि भले ही लोग चंद पैसों के लिए मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हो। लेकिन यह मजदूर आज भी अपनों को साथ लेकर चलने के आदी हैं।
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