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भैंस चोरी की शिकायत पर पंचायत का तुगलकी फरमान, पीड़ित पर ही ठोंका एक लाख का जुर्माना, आफत में फंसा परिवार

locationसीतापुरPublished: Jan 18, 2019 12:29:26 pm

भैंस चोरी की शिकायत पर पंचायत का तुगलकी फरमान, पीड़ित पर ही ठोंका एक लाख का जुर्माना, आफत में फंसा परिवार

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भैंस चोरी की शिकायत पर पंचायत का तुगलकी फरमान, पीड़ित पर ही ठोंका एक लाख का जुर्माना, आफत में फंसा परिवार

सीतापुर. सतयुग से चली आ रही छुआछूत और सामाजिक बहिष्कार की कुप्रथा का चलन आज कलयुग में भी विराजमान है। आजादी के बाद भी इन्हीं कुप्रथाओं के चलते सामाजिक अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। ताजा मामला सीतापुर जनपद का है। जहां भैस चोरी की शिकायत करना पीड़ित को ही महंगा साबित हुआ। पंचायत ने पीड़ित को न्याय देने के बजाय उल्टा उसी के खिलाफ तुगलकी फरमान जारी कर दिया।

पंचायत का फरमान
पंचायत ने पीड़ित को फरमान सुनाया कि वह ही अब 7 जवार (गांव व बिरादरी) को खाना खिलाएगा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी उसी को देना होगा। पंचायत के फैसले को मानने से इनकार करते ही पंचायत ने पीड़ित और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार करते हुए उनका हुक्का पानी बंद कर दिया। पंचायत के इस फैसले से दर-दर भटक रहे परिवार ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।

भैंस चोरी का था मामला
मामला सदरपुर थाना क्षेत्र के पोखराकलां गांव का है। मिली जानकारी के मुताबिक इस गांव के रहने वाले प्रेम भार्गव के घर के बाहर से 6 दिसंबर 2018 की रात दो भैंसे दरवाजे से चोरी हो गई थीं। पीड़ित ने मामले की सूचना पुलिस को दी, लेकिन कोई कार्रवाई न होता देख पीड़ित ने गांव की पंचायत में आवाज उठाई और गांव के ही 4 लोगों पर भैंस चोरी करने का शक जाहिर किया। पंचायत में पंचों ने यह निर्णय लिया कि जिन 4 लोगों पर भैंस चोरी का आरोप है वह किसी पवित्र स्थान पर कसम खाएंगे और अगर 7 दिन के अंदर उनका कुछ बुरा नहीं हुआ तो पंचायत अपना अगला फैसला सुनाएगी।

पीड़ित को ही सुनाई सजा
कसम खाने के 7 दिन बाद आरोपी पंचायत के पास पहुंचे और उनके साथ कुछ गलत नहीं हुआ तो पंचायत ने मान लिया कि पीड़ित ने झूठा आरोप लगाया था। जिस पर पंचायत की अध्यक्षता कर रहे पंचों ने यह तुगलकी फरमान जारी किया कि पीड़ित के आरोप निराधार हैं। अब उसी को चार लोगों की बेइज्जती करने के एवज में 7 जवार (गांव व बिरादरी) को खाना और 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। लेकिन पीड़ित प्रेम भार्गव ने पंचायत के इस आदेश को मानने से मना कर दिया। जिसके बाद पंचायत ने पीड़ित और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार करते हुए उनका हुक्का पानी बंद करने का फरमान जारी कर दिया।

दर-दर भटकने को मजबूर परिवार
यह फरमान बकायदा लिखित में जारी किया गया है। सीतापुर के अलावा आसपास के कई जिलों में बिरादरी तक यह चिट्ठी पहुंचाई गई है। चिट्टी में यह अपील की गई कि ये पत्र मिलने पर बिरादरी एक दूसरे को बताए कि प्रेम का समाज से बहिष्कार किया गया है और सात जवार से इनका हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है। पंचायत के इन फरमान के चलते पीड़ित और उसके परिवार को गांव से अलग होना पड़ा। पीड़ित ने पंचायत के खिलाफ पुलिस में मामले की तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में पंचायत करने वाले आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और परिवार को उसका हक दिलाया जाएगा।
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