ओवरलोड वाहन पर रोक को पलीता लगाने में लगा आरटीओ विभाग
गन्ने की ढुलाई नियमों को ताक पर रख कर की जा रही है।

सीतापुर। एक ओर योगी सरकार ओवरलोड ट्रकों ओर बड़े बड़े ट्रालियो को बँद करने के आदेश कर रही है वहीं सीतापुर के आरटीओ को सरकार के इस आदेश का ज़रा भी खौफ नही है। लिहाजा सीतापुर जनपद की हर एक सड़क पर ओवरलोड वाहनों को फर्राटा भरते देखा जा सकता है। इसमें खासकर चीनी मीलों की मिलीभगत भी रहती है और गन्ने की ढुलाई नियमों को ताक पर रख कर की जा रही है।
सूत्रों की माने तो अवध शुगर एंड एनर्जी मिल के अधिकारी सीतापुर के आरटीओ अधिकारियों के साथ मिल कर ओवरलोड ट्रकों ओर ट्रालियों को फर्राटा भरवाते हैं। एक जानकारी के अनुसार मिल के पड़ोस में ही मिल का ट्रक यार्ड बना हुआ है। यहां सैकड़ो ट्रक खड़े होते हैं लेकिन हैरतअंगेज बात यह है कि सबकुछ सामने होने के बावजूद होने के बाद भी आरटीओ अधिकारियों को ऐसा कुछ भी नज़र नही आ रहा।
यही नहीं सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि मिल के कुछ अधिकारी इन ट्रकों से वसूली करते हैं जिनकी रकम प्रति ट्राली ओर ट्रकों से दो हजार रुपये ली जा रही है। इसकी एक मोटी राशि आरटीओ विभाग को पहुंचाई जाती है। कस्बे में आये दिन ओवरलोड के कारण जाम लगा रहता है। सीतापुर लखीमपुर मार्ग आये घंटो जाम लगा रहता है। यही नहीं इस चीनी मिल का एक बहुत बड़ा गोदाम बिजवार सीतापुर मुख्यालय में ही है और एक गोदाम किराये पर आरटीओ आफिस से 100 मीटर दूर अर्जुन पुरवा में गोदाम स्थित है। जहां हरगांव से दिन भर में सैकडो ट्रक चीनी ओवरलोड ट्रकों द्वारा दुलाई कर चीनी पहुँचाई जा रही है। लिहाजा मिल द्वारा जिले में ओवरलोड का खेल खेला जा रहा है और वह भी बिना की डर के।
बिना रजिस्ट्रेशन ट्रालियों से होती है ढुलाई
ट्रालियों का कोई कामर्शियल रजिस्ट्रेशन तक नही है और इसके बावजूद क्रय केंद्रों से गन्ना ढुलाई कराई जा रही है। ऐसे में यदि कोई बड़ा हादसा होता है तो कौन इसका जिम्मेदार होगा और किसी तरफ से हर्जाना भरा जायेगा यह भी एक यक्ष प्रश्न है।
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