साध्वी प्राची ने सीतापुर की घटना को लेकर पुलिस पर फोड़ा ठीकरा, बोली- पुलिस अगर चेत जाती तो नहीं होता बाबा पर हमला
जनपद सीतापुर में जमीनी विवाद के चलते बाबा बजरंग मुनि और विशेष समुदाय के बीच हुए विवाद ने अब पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

सीतापुर. जनपद सीतापुर में जमीनी विवाद के चलते बाबा बजरंग मुनि और विशेष समुदाय के बीच हुए विवाद ने अब पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। स्थानीय सन्त समाज के बाद विश्व हिंदू परिषद की नेता और हिन्दू फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची ने भी बाबा बजरंग मुनि पर हुए हमले को लेकर पुलिस पर ही अपना ठीकरा फोड़ा है। उनका कहना है कि पुलिस साध्वी प्राची को रोककर पुलिस अपनी कारगुजारी को छुपाना चाहती है। इसलिए पुलिस साध्वी प्राची को घटनास्थल पर जाने से रोकना चाहती है। काफी देर बातचीत के बाद पुलिस ने साध्वी प्राची को घटना स्थल जाने से रोककर वापस लखनऊ रवाना कर दिया।
साध्वी ने पुलिस पर खड़े किये सवाल
मामला सीतापुर के खैराबाद कस्बे का है। यहां दो समुदायों के बीच जमीनी विवाद के चलते घायल हुए बाबा बजरंग मुनि और 4 अन्य लोगों की घटना ने कब पुलिस और प्रशासन पर उंगली खड़ी कर रहे है। स्थानीय लोगों सहित संत समाज और राजनीतिक लोग भी इस विवाद को खत्म करने की बात कह रहे हैं। लखीमपुर के निजी कार्यक्रम में शामिल होकर वापस आ रही विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने सीतापुर पहुंचकर घटनास्थल जाने की मांग की हैं लेकिन पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था और कानून का हवाला देकर उन्हें लखीमपुर-सीतापुर मार्ग पर ही रोक लिया और उन्हें वहां से ही लखनऊ जाने का आग्रह किया।
पुलिस ने वापस लखनऊ किया रवाना
मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी प्राची ने सरकार द्वारा कानून व्यवस्था पर चलाये जा रहे कदमों की सराहना की वहीं अन्य प्रदेशों में कानून व्यवस्था को ध्वस्त करार देते हुए दिल्ली के रिंकू शर्मा हत्याकांड का हवाला भी दिया। साध्वी प्राची ने कहा कि सीतापुर की इस घटना पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते हुई है अगर पुलिस समय रहते कार्यवाई करती तो शायद बाबा बजरंग मुनि पर हमला नही होता। उन्होंने कहा कि पुलिस साध्वी प्राची को इसलिए रोकना चाहती है क्योंकि अगर साध्वी वहां गयी तो पुलिस की पोल खुल जाएगी। मीडिया से बातचीत के बाद सीतापुर पुलिस ने बैरंग ही उन्हें वापस लखनऊ की तरफ रवाना कर दिया।
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