धोती और कुर्ता पहने पुलिस कप्तान के पड़ोस में खड़ा यह शख्स रामकुमार शुक्ला ग्राम कोरैया उदयपुर का निवासी है। थाने के प्रचलित दुराचारी की सूची में भी इस शख्स का नाम दर्ज है। बलबा और हत्या के एक मामले में 6 दिसम्बर 1983 को रामकुमार समेत चार लोगों को न्यायालय ने दोषी सिद्ध करते हुए दोषी करार दिया था। इस मामले में हाइकोर्ट ने अपील पर सुनवाई करते हुए रामकुमार शुक्ला समेत चारो को जमानत दे दी थी। इस मामले में एक आरोपी की मौत भी हो गई। जबकि अन्य तीनो के खिलाफ कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी कर रखा है। स्थानीय पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए आरोपी रामकुमार शुक्ला को लेकर कोर्ट में जो रिपोर्ट भेजी है उसमें उनकी न मौजूदगी दर्शायी गई है। जबकि बीती 13 जून को इमलिया सुल्तानपुर थाना परिसर में सम्पन्न हुए एक कार्यक्रम में इसी हिस्ट्रीशीटर को बुला कर उससे वृक्षारोपण तक कराया गया।थाने में हुई पूजा के दौरान भी ये हिस्ट्रीशीटर एसपी आनंद कुलकर्णी का बगलगीर भी रहा। हैरत की बात तो यह है कि जिस हिस्ट्रीशीटर अपराधी के खिलाफ थाने में मुकदमे दर्ज है व कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी है उसी हिस्ट्रीशीटर को आला पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में न सिर्फ सम्मान से नवाजा गया बल्कि उससे वृक्षारोपण करा के थाने में उसकी यादगार की नींव भी रखी गई। सीतापुर पुलिस की इस कार्यशैली को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए है।