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यहां होली के मौके में दिवाली जैसा होता है नजारा, इसके पीछे है ये बड़ी वजह

locationसीतापुरPublished: Mar 21, 2019 01:24:34 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

यहां होली के मौके में दिवाली जैसा होता है नजारा, इसके पीछे है ये बड़ी वजह

holi 2019

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सीतापुर. जिले के मिश्रिख तीर्थ में होलिका दहन के ठीक पहले जमकर आतिशबाजी की जाती है। जी हाँ बिलकुल ऐसा ही है अगर आप को मालूम न हो और आप एकाएक यह मंज़र देख ले तो कुछ देर के लिए आप अचरज में जरुर पड़ जायेगे कि यह होली का मौका है या फिर रोशनी का त्यौहार माने जाने वाले दीपावली का। क्यूंकि आसमानी पटाखों की गड़गड़ाहट आपको ऐसा ही सोचने पर मजबूर कर देगी। यहाँ पर प्रतिवर्ष होली की शुरुआत रंगों से नहीं बल्कि पटाखों के साथ होती है जिसमे लाखो की संख्या में सुदूर इलाको से आये श्रद्धालु इस मनोहारी द्रश्य का गवाह बनते है।

होली में दीवाली सा होता हैं नजारा

पौराणिक कथाओ के अनुसार देवासुर संग्राम के वक़्त राक्षसों के संहार के लिए अपनी अस्थिया दान करने वाले महर्षि दधीची की तपो स्थली मिस्रिख स्थित दधीची कुंड पर होली से ठीक पूर्व होने वाले एक पखवारे के होली मेले का अपना अलग महत्त्व होता है। इस तीर्थ के इर्द गिर्द इन 15 दिनों के दौरान होने वाली चौरासी कोस व पंच कोसी परिक्रमाओ के बाद मिस्रिख पहुचने वाले लाखो तीर्थ यात्री प्रतिवर्ष यहाँ के होली मेला में डेरा डालते है। जिसका समापन होलिकादहन से पूर्व घंटो चलने वाली आतिशबाजी के साथ होता है। आतिशबाज़ी भी कोई मामूली नही बल्कि ऐसी की बस देखते ही रह जाओ। दधीची कुंड पर होने वाली इस आतिशबाजी के पूर्व लाखो लोगो की मौजूदगी में पहले तीर्थ की आरती के साथ पूजन किया जाता है . इसके बाद जितने भी परिक्रमार्थी आते है सब आतिशबाजी के इस कार्यक्रम को देखते है। जिला प्रशासन के आलाधिकारी भी इस पूरे कार्यक्रम में हमेशा मौजूद रहते है।
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