शहर के रोडवेज बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन पर लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी है।
सीतापुर में प्रवासी मजदूरों के लिए बनाए गए दो क्वारंटीन सेंटर, लक्षण दिखने पर रखे जाएंगे
सीतापुर. कोरोना महामारी के बीच प्रवासी मजूदरों के पलायन की सूचना के बाद प्रदेश सरकार ने जिलों में प्रवासियों को क्वारंटीन करने और उनके स्वास्थ्य के प्रति बेहद सजगता से कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार के आदेश के बाद सीतापुर में भी जिला प्रशासन ने दो क्वारंटीन सेंटरों को चिन्हित कर, वहां प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीन करने के लिए तैयार कर दिया है। हालांकि अभी तक कोरोना लक्षण दिखने वाले किसी भी प्रवासी मजदूर को क्वारंटीन करने की नौबत नही आई है। वहीं शहर के रोडवेज बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन पर लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी है।
सीतापुर में बने तो शेल्टर होम सीतापुर में प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीन करने के लिए एक शेल्टर होम और एक निजी विद्यालय को चिन्हित कर जानकारी शासन को सौंप दी गयी है। जिला प्रशासन का दावा है कि रोडवेज बस स्टॉप पर इन मजदूरों की आने की सूचना के आधार पर वहां उन मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग की जाती है और अगर लक्षण दिखते हैं तो उन्हें सेल्टर होम में 14 दिन तक क्वारंटीन करने का प्रावधान है। अगर किसी मजदूर में लक्षण नहीं मिलते हैं तो उनका डाटा एकत्रित करके उन्हें 7 दिनों तक घर ने ही क्वारंटीन रहने का आदेश दिया जाता है। जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के मुताबिक अभी तक 43 प्रवासी मजदूर सीतापुर पहुंचे हैं, लेकिन उनमें किसी भी प्रकार के लक्षण न पाये जाने पर उन्हें घरों में ही क्वारंटीन करा दिया गया है और एक टीम उनकी निगरानी में रहती है। जिला प्रशासन के दावों में आखिर कितना दम है यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, क्योंकि बस स्टॉप पर इन मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है और न ही किसी प्रकार के कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। सब दावे अभी तक हवा हवाई ही साबित होते नजर आ रहे हैं।