कोरोना पीडि़त की मौत के बाद से दहशत
10 जुलाई को सीवान के एक छात्र की मौत कोरोना के कारण हो गई। छात्र का नाम पवन कुमार गुप्ता है और वह एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष का छात्र था। इसके बाद से इन हजारों छात्रों में कोरोना का खतरा खड़ा हो गया है। छात्रों बुरी तरह मानसिक दवाब में रहे हैं। इन हजारों छात्रों के बिहारी परिजन भी बेहद परेशान और चिन्तित हैं। इन छात्रों को आशंका इस बात की है कि मृतक छात्र के जरिए कहीं कोरोना बाकी छात्रों में नहीं फैल गया हो। इससे छात्रों में कोरोना की चेन बन सकती है।
किर्गिस्तान ने दिए भारत लौटने के निर्देश
किर्गिस्तान सरकार ने छात्रों को घर जाने का निर्देश दे दिया है। एशियन मेडिकल कॉलेज सहित कई अन्य कॉलेज में बिहार के अलग-अलग जिलों के करीब 2000 छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कोरोना के कारण स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। ये सभी छात्र एजेंटों और विदेशों में पढ़ाई कराने वाली एजेंसियों के माध्यम से गए हैं। ज्यादातर छात्रों की आर्थिक स्थिति भी बिगडऩे लगी है। परिजन से जैसे-तैसे रुपए मंगा कर गुजारा कर रहे हैं। खाने-पीने की चीजों में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीधी फ्लाइट नहीं
छात्र बिहार के डीजीपी, सीवान के सांसद से पीएमओ तक गुहार लगा चुके हैं। सीवान की सांसद कविता सिंह ने भी छात्रों को बिहार बुलाने की मांग की है। किर्गिस्तान से भारत के दूसरे राज्यों के लिए वंदे भारत मिशन की फ्लाइट चल रही है, लेकिन बिहार के लिए नहीं चल रही है। ऐसे में छात्रों को बिहार आने में काफी परेशानी हो रही है। कुछ प्राइवेट उड़ान फ्लाइट उड़ान भर रही हैं, लेकिन उनका किराया इतना महंगा है कि छात्र चाहकर भी उसका खर्च वहन करने की हालत में नहीं हैं।