सिवान

परवल और मक्का की खेती पर कहर बन गई बाढ़

(Bihar News ) उत्तर बिहार के कई इलाकों में प्रमुख नदियों के (River flowing on danger mark ) जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को बाढ़-कटाव का संकट कायम है। कई जिलों में लोगों ने बांध पर शरण ले रखी है, तो कई जगह सड़कों पर से (Agriculture drowned ) पानी गुजर रहा है। सीतामढ़ी में बागमती तो मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है।

सिवानJul 17, 2020 / 11:56 pm

Yogendra Yogi

परवल और मक्का की खेती पर कहर बन गई बाढ़

सिवान(बिहार): (Bihar News ) उत्तर बिहार के कई इलाकों में प्रमुख नदियों के (River flowing on danger mark ) जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार को बाढ़-कटाव का संकट कायम है। कई जिलों में लोगों ने बांध पर शरण ले रखी है, तो कई जगह सड़कों पर से (Agriculture drowned ) पानी गुजर रहा है। सीतामढ़ी में बागमती तो मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है। लखनदेई में भी उफान है। दरभंगा और मधुबनी जिले भी लोग बाढ़ से समान रूप से प्रभावित हैं। बांध-तटबंध के टूटने या रिसाव का सिलसिला जारी है।

किसानों पर दोहरी मार
सिवान के सिसवन प्रखंड क्षेत्र के जयीछपरा, सांईपुर, ग्यासपुर, सीवान, भागर होकर गुजरने वाली सरयू नदी अपने उफान के साथ किसानों पर कहर ढाह रही है। गौरतलब है कि सरयू नदी के इन क्षेत्रों के दियारा इलाके में हर साल परवल की खेती की जाती हैं. जिसको बेचकर कर किसान लाखों रुपये कमाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के मार से मर्मांत किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। समय से पहले हुए बरसात की शुरुआत से जहां परवल के खेती पर असर पड़ा, वहीं अब सरयू नदी में हो रही जल वृद्धि किसानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।

मक्का की फसल डूबी
सीवान में लगातार हुई बारिश के बाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली दहा नदी (बाण गंगा) के जल स्तर में वृद्धि होने से लोग चिंतित हैं। नदी का जलस्तर अब लोगों के खेतों में पहुंच रहा है. यह नदी गोपालगंज जिले के सासामूसा होते हुए सीवान शहर समेत प्रखंड के रेनुआ, टेढ़ीघट, सरेयां, हुसैनगंज, बघौनी, आंदर प्रखंड के कई गांवों से होकर गुजरते हुए सिसवन में जाकर सरयू नदी में मिल जाती है। जलस्तर में बढ़ोतरी से किसानों की मक्का की फसलें पानी में डूबने लगी हैं। हुसैनगंज में पुल के पास नदी का जलस्तर कुछ ही मीटर रह गया है. स्पर्श होने में मात्र दो फिट शेष बच गया है। इससे किसान व आसपास के लोग चिंतित हैं।

परवल की खेती बर्बाद
सरयू नदी में लगातार जल वृद्धि के कारण परवल के खेत जल में समाहित हो रहे हैं। परवल की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि हर साल बरसात शुरू होने से पहले परवल के खेती में लागत के साथ साथ मुनाफा आ जाता था जो इस बार नहीं हुआ। इस साल समय से पहले हुई बरसात और सरयू नदी में एकाएक हो रही जल वृद्धि के चलते हम किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।

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