सोनभद्र. बेटे की हत्या की के बाद न्याय मिलना तो दूर एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई, पुलिस ने नहीं सुनी तो अधिकारियों ने भी मुंह फेर लिया। यहां तक कि मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल पर गुहार लगाने पर भी वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। तब आखिरकार एक मजबूर बाप और दुखियारी मां की पीड़ा अदालत ने सुनी। कोर्ट ने इस मामले में सोनभद्र के अपना दल जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल, उनके बेटे मनीष पटेल और दो अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है। पांच माह पहले 21 मई को राॅबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक पोल्ट्री फाॅर्म पर काम करने वाले सत्येन्द्र पुत्र मनीष कुमार पटेल संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में हत्या का मुकदमा न दर्ज होने पर पीड़ित पक्ष ने कोर्ट का सहारा लिया था।
राॅबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कम्हारडीह गांव निवासी मृतक सत्येन्द्र कुमार की मां गीता देवी की ओर से सीजेएम कोर्ट में वाद दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि कुसीडौर गांव निवासी मनीष पटेल के पोल्ट्री फाॅर्म पर काम करने गए उनके पुत्र सत्येन्द्र कुमार की हत्या कर दी गई और इसे छिपाने के लिये उन लोगों ने मनगढ़ंत कहानी बनाई। शिकायत करने पर इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने मृतक के पिता यानि उसके पति को ही कोतवाली में बैठा लिया। डरा धमकाकर सादे कागज पर अंगूठा लगवाकर छोड़ दिया। पुलिस ने नहीं सुनी तो एसपी से लेकर मुख्यमंत्री के पोर्टल तक पर शिकायत की पर कोर्ठ कार्रवाई नहीं हुई।
इसी वाद पर सुनवाई कर सीजेएम कोर्ट ने अपना दल के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण पटेल व उनके बेटे मनीष पटेल, राजू पटेल और संदीप पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।
By Santosh Jaiswal