जानकारी के मुताबिक ओबरा बाँध खण्ड द्वारा संचालित सोनपम्प नहर अवई गाँव स्थित सिंकेड स्टेट पम्प पर 18जुलाई मंगलवार 3.50 भोर में बिजली सप्लाई अचानक ब्रेक डाउन हो गयी। नहर में पानी फ्लो होने के कारण पानी पंप में चला गया। जिसने तमाम उपकरण चपेट में ले लिया संयोग रहा कि उसी दौरान सो रहे कर्मचारियों की नींद खुल गयी जिसमें फोरी तौर पर सिविल विभाग को सूचित कर नहर का गेट खोलवाया गया जिससे मोटर को पानी में डूबने से बचाया जा सका। फिर भी कुल मिलाकर करोड़ों की लागत से बनी मशीनें को नुकसान पहुच गया है।
कर्मचारियों का कहना है कि पानी सफाई व उपकरण सुखाने में कम से कम एक हफ्ते का समय लग सकता है तब तक सोन पम्प नहर संचालित नहीं हो पाएगी। परेशानी की बात ये है कि अगर बरसात नहीं हुई तो सोन पम्प से लगाव लगने वाले किसानों की धान की बीज डालने व धान रोपाई की फसल प्रभावित हो सकती है। जिसमें किसानों की चिंता झलक रही है। बहुत से किसानों की नर्सरी तैयार है।
सोन पम्प नहर का पानी सोनभद्र होते हुए मडिहान जनपद मिर्ज़ापुर तक पहुँचता है जिसमें सोन पम्प से लगे हजारों किसान प्रभावित होगे। बतादें कि सोन पम्प नहर संचालन में ओबरा बांध प्रखण्ड ओबरा व मकैनिकल विभाग कर्मचारियों का यहां का काम देखा जाता है। दूसरा विभाग बनारस में बैठे सोन यांत्रिक निर्माण खण्ड वाराणसी देखता है। दोनो विभाग में आपसी ताल मेल का अभाव साफ़ दिखता है। उक्त घटना कि सूचना सम्बन्धित अधिकारियों को कर्मचारियों द्वारा अवगत कराये जाने के बाद भी दोपहर तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुचा । अब देखना है लापरवाही की जांच में किस अधिकारी का गला फंसता है।