कहावत है कि, जब सईंयां भइलन कोतवाल तो डर काहे का, जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध खनन और फर्जी परमिट के सिंडिकेट की। पुलिस ने फर्जी परमिट सिंडिकेट को पकड़ा है जो मध्य प्रदेश की परमिट को उत्तर प्रदेश में लाकर बेचता था और बड़े पैमाने पर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहा था। ऐसा नहीं है कि खनन विभाग अंजान था खेल में विभाग भी शामिल रहा। बहरहाल अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कृष्ण कुमार सिंह ने जांच की बात कही है जिससे और लोगों केे नाम का खुलासा हो सके।
फर्जी परमिट का खेल कर रहे सिंडिकेट के लोग बाहरी है। इस खेल में सन्तोष कुमार दुबे (चंदौली), दान बहादुर यादव (अमेठी) जो मध्य प्रदेश की परमिट उत्तर प्रदेश में बेचने का धंधा करते थे। पुलिस ने इनको चोपन के एक होटल से दोनों आरोपी को पकड़ा। आरोपी ने बताया कि, वे लोग सोनभद्र में अवैध बालू का धंधा करने वालो को ये परमिट बेचते थे। सूत्र बताते हैं कि, इस पुरे खेल में खनन विभाग भी हिस्सेदार है। अधिकारियों को खेल की जानकारी होती थी। इससे पहले भी खनन माफिया रात में परमिट (राजस्व पन्ना) का स्कैन कापी कर अधिकारियों के साथ गठजोड़ कर अवैध गाड़िया और फर्जी परमिट का खेल करते आ रहे हैं, इस खेल से सरकार को लाखों रूपये का चूना प्रतिदिन लग रहा है।
input- जितेंद्र गुप्ता