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वन दारोगा की संदिग्ध हालत में मौत, खनन माफिया पर हत्या का आरोप

locationसोनभद्रPublished: Nov 23, 2019 09:11:02 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

पत्नी का आरोप है कि उसके पति को तीन महीने में ठिकाने लगाने की धमकी मिली थी ।

Forest Sub inspector suspicious death

वन दारोगा की संदिग्ध हालत में मौत

सोनभद्र. अवैध खनन रोकने में जुटे वन विभाग के दरोगा तेज प्रताप सिंह की शुक्रवार की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। पत्नी ने इस मामले को हत्या बताते हुए इसके लिये कई रसूखदारों को जिम्मेदार ठहराया है । पत्नी का आरोप है कि उसके पति को तीन महीने में ठिकाने लगाने की धमकी मिली थी ।

शुक्रवार को ओबरा में सड़क के किनारे फेंके मिले वन सुरक्षा दल प्रभारी तेज प्रताप सिंह की मौत को पुलिस पहले सड़क हादसा मान रही थी लेकिन देर रात पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे अपर जिलाधिकारी ने शव देखने के बाद यह कह कर नया मोड़ ला दिया कि मौत सामान्य नहीं बल्कि संदिग्ध है। मृतक की पत्नी संध्या सिंह ने बताया कि घटना के एक दिन पहले उनके पति ने फोन पर धमकी दिए जाने की बात बताई थी और नाम भी बताया था।

22 नवम्बर शुक्रवार को बिल्ली- ओबरा खनन क्षेत्र के शारदा मन्दिर मार्ग पर मक्खन स्टोन के समीप अज्ञात वाहन के धक्के से सड़क किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में दरोगा तेज प्रताप सिंह (55) की मौत हो गई थी । तेज प्रताप सिंह आजमगढ़ के रहने वाले थे। अवैध खनन रोकने हेतु बने उड़न दस्ते के प्रभारी तेज प्रताप सिंह को लगभग एक वर्ष पूर्व बिल्ली- ओबरा खनन क्षेत्र में अवैध खनन रोकने हेतु विभाग द्वारा उड़न दस्ते का प्रभारी बनाया गया था । पत्नी का कहना है कि उन्हें लगातार धमकी मिल रही थी और घटना के पहले भी उन्हें धमकी दी गयी थी । मौत की सूचना के बाद सोनभद्र जिला अस्पताल पहुंची वन दरोगा की पत्नी साधना सिंह बार- बार चीख कर कह रही थी हमें भरोसा है योगी जी न्याय दिलाएंगे। मृतक दारोगा के दो बच्चे हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी के मौजूदगी में जिला चिकित्सालय के तीन चिकित्सकों के पैनल द्वारा दारोगा का पोस्टमार्टम किया गया है और उसकी वीडियो रिकार्डिंग करायी गयी है अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद यह तय हो पायेगा की घटना किन परिस्थितियों में हुई है।

वन दरोगा टीपी सिंह की हुई मौत को लेकर वन कर्मियों का आक्रोश साफ तौर पर झलक रहा है। राजेश सिंह वर्मा एसडीओ वन विभाग ओबरा व जय प्रकाश एसडीओ चोपन के साथ- साथ अन्य वन कर्मियों ने पुलिस-प्रशासन पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में इस बात की शिकायत उच्चाधिकारियों से करते हुए सुरक्षा की गुहार लगायी गयी थी परन्तु इस पर कोई कार्रवाई नही की गयी, जिसका दुष्परिणाम सबके सामने है।

16 मार्च को भी हुई थी फारेस्ट गार्ड की हुई थी हत्या
हत्या का यह पहला वाकया नही है बीते 16 मार्च 2019 की मध्यरात्रि में मांची थाना क्षेत्र अंतर्गत मांची वन रेंज के पड़री जंगल मे अवैध खनन रोकने गये वन दरोगा मोहन राम मौर्य को अवैध खननकर्ताओं ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था, इस मामले में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
BY- SANTOSH JAISWAL

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