मारकुन्डी राज मार्ग स्थित घनी बस्ती में तारकोल व गिट्टी मिक्सर प्लान्ट स्थापित कर दिया है। मिक्सर प्लान्ट चलने से काले धूँल के साथ डस्ट युक्त धूँल उगल रहा है जिससे रहवासी को साँस लेने, खाँसी नजला जुखाम समेत फेफँडे के अनेक बीमारी के चपेट में आ गये है। यह मिनी मिक्सर प्लान्ट तकरीबन एक वर्ष से संचालित है। जिससे सड़क निर्माण हेतु मैटेरियल तैयार किया जाता है।
इस कंपनी के खिलाफ गांव के लोगों ने आवाज उठाई। लगातार बढते प्रदूषण की चपेट में आने से बढ़ते रोगियों का हवाला देकर रहवासियों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर अपनी बात कही। लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई। कहने को तो जिलाधिकारी ने इन्हे जल्द कार्रवाई करने का आश्सावन दे डाला। लेकिन परिणाम वही ढ़ांक के तीन पात। जस का तस ही रहा।
तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण का ग्राफ बतादें कि कुछ दिन पहले ही प्रदूषण पर सर्वे के आधार पर स्पष्ट होता है कि पिछले पांच वर्ष में करीब 32 फीसदी औसत की दर से प्रदूषण का ग्राफ इन प्लांटों के कारण बढ़ा है। प्रदूषण रोकथाम के लिए काम कर रहे लोगों को मामले पर कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले एक वर्ष से ये प्लांट चल रहा है। लोगों लगातार बीमारी की जद में आ रहे हैं। लेकिन शिकायत के बाद भी जिलाधिकारी ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं किया।
कड़ाई से करना होगा पालन जिले के प्रबुद्द लोग इस बढ़ते प्रदूषण और लोगों की बीमारी पर कहते हैं कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए जरूरी नियमों को सही तरह से पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि नियमों का कड़ाई से पालन कराने की आवश्यकता है। जिसके लोगों की जिंदगियां बच सकें।