scriptSonbhadra 170 billion-year-old glauconic sand stone was discovered by Lucknow University | 30 स्टूडेंट्स के शोध नें खोज निकाला 170 सालों से दफन ये खास रत्न | Patrika News

30 स्टूडेंट्स के शोध नें खोज निकाला 170 सालों से दफन ये खास रत्न

locationसोनभद्रPublished: Sep 27, 2023 03:46:11 pm

Submitted by:

Ayush Dubey

लखनऊ यूनिवर्सिटी के भू-विज्ञान विभाग के 30 स्टूडेंट्स नें शोध दौरान 170 साल पुराने ग्लोकोनेटिक सैंड स्टोन के मिलने का दावा किया है।

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सोन नदी के किनारे रहते थे आदि मानव। हथियारों के साथ मिला 170 करोड़ साल पुराना ये खास चीज
लखनऊ यूनिवर्सिटी के 30 स्टूडेंट्स नें सोनभद्र में 170 करोड़ साल पुराना ग्लोकोनेटिक सैंड स्टोन को खोज निकाला है। इस सैंड स्टोन पोटास की अच्छी मात्रा है। सैंड स्टोन में पोटास की मात्रा होने से इससे अच्छा उर्वरक बनाया जा सकता है। इसके अलावा स्फटिक, हकीक, अगेट और जैस्पर जैसे रत्न भी मिले हैं। इतना ही नहीं आदिमानवों के इस्तेमाल में लाए जाने वाले पत्थर के औजार भी मिले हैं। एलयू के विज्ञान संकाय के प्रो.विभूति राय ने भू-विज्ञान विभाग के 30 स्टूडेंट्स के साथ शोध के आधार पर यह दावा किया है।

लखनऊ यूनिवर्सिटी के भू-वैज्ञानिक प्रो. राय के अनुसार 21 से 25 सितंबर तक 30 स्टूडेंट्स की टीम ने सोनभद्र के ओबरा (नेवारी), चोपन, बरगंवा, गुरमा और मारकुंडी इलाके में शोध कार्य किया। इसके अलावा सोन और रेहंद नदी के किनारे भी खोजबीन की गई। इस दौरान प्रमुख रूप से नेवारी में 170 करोड़ वर्ष पुराना ग्लोकोनेटिक सैंड स्टोन मिला। कुछ अन्य स्थानों पर भी इतना ही पुराना ग्लोकोनेटिक सैंड स्टोन मिला। प्रोफेसर राय के अनुसार, सभी स्थानों का संरक्षण बेहद जरूरी है। यहां शोध से काफी जानकारी हासिल हो सकती है।

प्रो. राय ने बताया कि शोध के दौरान स्फटिक, हकीक, अगेट और जैस्पर जैसे रत्न भी मिले हैं। कहा कि सोनभद्र को सरकार बहुमूल्य रत्नों का उत्पादन करने वाले प्रमुख स्थानों की सूची में शामिल कर सकती है।

सोनभद्र में आदिमानव के मिले साक्ष्य

सोन नदी के किनारे पहाड़ियों में आदिमानव के रहने के साक्ष्य भी मिले हैं। शोध टीम के अनुसार आदि काल के लोगों की ओर से इस्तेमाल में लाए जाने वाले पत्थर के कई औजार मिले हैं। प्रो. राय का कहना है कि सरकार इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सकती है।
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