उन्होंने कहा कि जिले के किसानों की तरफ से शासन व प्रशासन को सूखे से हुई फसल नुकसानी को लेकर जिले को सूखा घोषित करने की मांग पूर्व में की गयी थी। किसानों के खेतों में बोई गयी फसल की पैदावार का स्तर काफी गिर गया था, जिसके वजह से किसानों के फसलों की काफी क्षति हुई है।
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मणिकर्णिका घाटउन्होंने कहा कि सूखे से प्रभावित किसानों को जीविकोपार्जन के लिए काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है, इसी को ध्यान में रखते हुए शासन पूर्व में प्रस्तावित जिले के तीनों तहसीलों से भेजे गये प्रस्ताव-पत्र के आधार पर सोनभद्र जिले को सूखा घोषित कर दिया है।
सूखा के संभावित प्रभाव से उत्पन्न होने वाली सूरत ए हाल से निपटने के लिए सम्बन्धित विभाग भी अपनी कार्ययोजना बनाकर जिले के लोगों को राहत पहुंचाने के मकसद से अपनी तैयारी भी पूरी कर लें, ताकि आगामी दिनों में किसानों को सरकार की तरफ से संचालित होने वाले सूखे जैसे योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके, ताकि बाद में किसानों को राहत पहुंचाने में किसी प्रकार की विभागीय समस्या उत्पन्न न हो सके।
बताते चलें कि जिले की भौगोलिक स्थिति इस तरह है कि यहां किसान खेती बारी के लिए प्रकृति पर ज्यादा निर्भर है, यहां प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका, जिससे सिचाई योजना को धरातल पर नहीं उतारा जा सका।