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सोनभद्र नरसंहार की जांच: 1955 से लेकर 2019 तक की कार्रवाइयां खंगालने में जुटी एसआईटी

locationसोनभद्रPublished: Aug 08, 2019 09:18:17 am

एसआईटी टीम ने उम्भा गांव में जाकर नरसंहार के पीड़ितों से की बारी-बारी पूछताछ, जुटायी जानकारी।

Sonbhadra Killing Investigation

सोनभद्र नरसंहार की जांच

चन्दौली. यूपी के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जमीन पर कब्जे के लिये हुए नसंहार में 10 मौतों के मामले में एसआईटी जांच तेज हो गयी है। एसआईटी की टीम सोनभद्र पहुंच चुकी है और नरसंहार व जमीन विवाद से जुड़े हर पहलू को खंगाल रही है। टीम यह भी जांच कर रही है कि इतनी बड़ी घटना कैसे हो गयी, और इसे रोकने के लिये क्या कदम उठाए गए। जिले के अधिकारियों से घटना की बाबत जानकारी लेने के बाद एसआईटी टीम उम्भा गांव पहुंची और घटना स्थल का मुआयना कर ग्रामीणों से भी इस संबंध में जानकारी हासिल की।
डीआईजी जे रविंद्र की अगुवाइ वाली टीम उम्भा में घटना स्थल पर पहुंची और बारीकी से छानबीन में जुट गयी। इसके साथ ही 17 जुलाई को क्या हुआ था और घटना के बारे में छोटी से छोटी बात भी पूछी। प्राथमिक विद्यालय परिसर में टीम उम्भा कांड के पीड़ित परिवारों से मिली। डीआईजी जे रविंद्र गौड़, एएसपी अमृता मिश्रा, निरीक्षक विनोद कुमार त्रिपाठी, सुशील कुमार उपाध्याय, शशि भूषण मिश्रा, भीम यादव, अवध किशोर आदि ने पीड़ितों से अलग-अलग बारी-बारी से पूछताछ कर जानकारी इकट्ठा की। सोसाइटी, जमीन विवाद और मुकदमों के बारे में विस्तार से टीम ने जाना। और इससे जुड़े दस्तावेजों की कॉपी भी ली।
उम्भा गांव में पूरे एक घंटे छानबीन और पूछताछ करने के बाद एसआईटी टीम घोरावल कोतवाली पहुंची और उम्भा गांव में जमीन और सोसाइटी से जुड़े विवाद व उस संबंध में हुई कार्रवाइयों के बारे में विस्तार से पूछताछ की और उससे जुड़े दस्तावेजों का अवलोकन किया। एसआईटी के डीआईजी जे रविन्द्र गौड़ ने बताया कि वो लोग घटना से जुड़े छोटे से छोटे पहलू की जांच कर रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि घटना की छानबीन के साथ ही इस बात को भी जांचा जाएगा कि इसमें पुलिस और राजस्वकर्मियों की भूमिका किस कदर रही है। टीम 1955 से लेकर 17 जुलाई 2019 तक की सभी कार्रवाइयों की जांच करेगी। इसकी जांच तीन महीने में पूरा कर कार्रवाई के लिये रिपोर्ट शासन को सौंप दी जाएगी।
By Santosh

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