17 जुलाई बुधवार को मूर्तिया ग्राम पंचायत के प्रधान और सपही गांव निवासी यज्ञदत्त भुरतिया अपने भाइयों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उम्भा गांव की करीब 125 बीघा जमीन पर कब्जे के लिये 30 ट्रैक्टर में 300 आदमी लेकर पहुंच गया। उसके साथ हथियारबंद आदमी भी थे। जमीन पर कब्जे का विरोध करने पर यज्ञदत्त के आदमियों ने आदिवासियों पर किया, जिसमें 10 आदिवासियों की बेरहमी से हत्या कर दी गयी, जबकि दो दर्जन को इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि वो अधमरे हो गए।
अब इस घटना के समय का जो कथित वायरल वीडियो सामने आया है उसमें दिखायी दे रहा है कि जमीन के बड़े से हिस्से को चारों ओर से ट्रैक्टर की कतारों ने घेर रखा है। वीडियो संभवत: किसी महिला या लड़की ने बनाया है, जो यह कहते भी सुनी जा रही है कि ‘कौन त बंदूक निकालके मारे हैं’। एक दूसरे वीडियो में खेत में ढेर सारे लोग लाठियों से कुछ लोगों को पीट रहे हैं। ‘मारो सबको’ की आवाज के साथ गोली चलने की आवाजें आती हैं। महिलाओं की चीख-पुकार सुनायी देती है। खौफ से सहमी हुई महिलाएं भागती हैं और आवाज भी आती है ‘भाग रे’ व ‘अरे दादा’। एक महिला किसी मोबाइल लिये व्यक्ति से संभवत: पुलिस को फोन लगाने के लिये गिड़गिड़ाती है एक भइया ‘जल्दी से फोन कर’। मोबाइल लिया व्यक्ति संभवत: फोन लगाता है, लेकिन उसका नेटवर्क शायद नहीं मिल रहा होता है।
हालांकि यह वीडियो सही है या नहीं इसकी जांच पुलिस अपने तौर पर कर रही है। लेकिन अगर यह जांच में सही निकलता है तो वीडियो की विभत्सता देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां उस वक्त कैसे खौफनाक हालात रहे होंगे। किस तरह लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया होगा और गोलियां मारी गयी होंगी। पत्रिका ने जब ग्राउंड रिपोर्ट की थी तो एक गांव वाले ने बताया था कि उनके एक रिश्तेदार पुलिया के नीचे पाइप में घुस गए तो दोनों ओर से लाठी कोंच-कोंचकर उन्हें निकाला गया। उन्होंने निकलकर भागने की कोशिश की तो खेत में गिराकर इतना मारा गया कि वह मर गए।
By Santosh