इसे भी पढ़ें BJP नेता बोलीं, नामांकन के पहले मुझे जबरन कार में खींच लिया, छोड़ा तो धमकाया, जिले से केन्द्र तक हमारी सरकार है वहां उसका इलाज किया गया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। हालत चिन्ताजनक बनी रही तो डॉक्टर ने उसे और अच्छे इलाज के लिये वाराणसी रेफर कर दिया गया। बनारस में उसे बीएचयू में भर्ती कराया गया। वहां उसका इलाज चल ही रहा था कि 31 जनवरी की रात हालत और बिगड़ने से उसकी मौत हो गयी। जिला जेल के जेलर आरआर दोहरे ने बताया कि बन्दी की हालत चिन्ताजनक होने पर उसे जिला अस्पताल और फिर वाराणसी ले जाया गया, पर वहां भी उसे डॉक्टर बचा नहीं सके।
इसे भी पढ़ें VIDEO भीड़ ने पूर्व मंत्री पारसनाथ की नहीं सुनी, पर जब बाहुबली धनंजय आए तो सब मान गए हालांकि लोग इस मामले में जेल प्रशासन की खामियों की ओर इशारा कर रहे हैं। लोगों की माने तो प्रशासन ने आनन-फानन में जिला कारागार तो खुलवा दिया है। पर एक साल बीत जाने के बाद भी इसमें कई खामियां हैं। जिला कारागार कई कमियों से जूझ रहा है। चिकित्सा व्यवस्था, स्टाफ की कमी और बिजली व पानी की असुविधा है। स्थाई डाक्टर का अभाव तो है ही, वहां कोई एम्बुलेंस तक नहीं।
by Jitendera Gupta