scriptसोनभद्र नरसंहार मामले में वकील ने किया चौंकाने वाला खुलासा, वन विभाग की जमीन को… | tribal Advocate said Forest department land illegally transfer | Patrika News

सोनभद्र नरसंहार मामले में वकील ने किया चौंकाने वाला खुलासा, वन विभाग की जमीन को…

locationसोनभद्रPublished: Jul 18, 2019 10:27:31 pm

Submitted by:

Akhilesh Tripathi

वन विभाग की भूमि को ग्राम समाज बनाकर गलत तरीके से आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम ट्रांसफर कर दिया गया

tribal Advocate

आदिवासियों के वकील

सोनभद्र. जमीन विवाद में मारे गए दस आदिवासियों के वकील के बयान सामने आने के बाद प्रशासनिक भूमिका सवालों के घेरे में हैं। आदिवासियों के वकील ने बताया कि किस तरह से आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा ने 1955 में वन विभाग की जमीन को ग्राम समाज बनाकर आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी को ट्रांसफर करवाई। फिर इसी सोसाइटी ने सोसाइटी की 200 बीघा जमीन उनकी पत्नी आशा मिश्रा और बेटी विनीता शर्मा के नाम गलत तरीके से ट्रांसफर करवा दी और बाद में इन दोनों ने इस जमीन को ग्राम प्रधाम यज्ञदत्त को बेच दिया जो इस नरसंहार का दोषी है।
आदिवासियों के वकील नित्यानंद द्विवेदी का कहना है 2017 में यह मामला मेरे पास आया जब मैंने मामले की छानबीन की तो यह बात सामने आई वन विभाग की भूमि को ग्राम समाज बनाकर गलत तरीके से आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम ट्रांसफर कर दिया गया । तत्कालीन आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा के प्रभाव में आकर अवैधानिक तरीके से यह जमीन ट्रांसफर की गई थी जो कि सोसायटी के अध्यक्ष भानु प्रसाद के दामाद थे। 1989 में प्रभात कुमार मिश्रा ने गलत तरीके से अपनी पत्नी आशा मिश्रा और बेटी के नाम या जमीन ट्रांसफर करवा लिया जबकि सोसायटी की जमीन व्यक्तियों के नाम से ट्रांसफर नहीं की जा सकती। बाद में जमीन एआरओ (चकबन्दी अधिकारी) ने बिना सुनवाई के ही 2017 में आशा मिश्रा और विनीता शर्मा से यज्ञदत्त ग्राम प्रधान को ट्रांसफर कर दिया।

 

वकील नित्यानंद द्विवेदी ने बताया कि जज जूनियर डिविजन के यहां आदिवासियों का मुकदमा भी चल रहा है और तहसील दिवस में भी उन्होंने एप्लीकेशन डाली है। सर्वे की रिपोर्ट में भी आदिवासियों कब्जा पाया गया है और सक्षम न्यायालय में जाने का भी निर्देश भी था। लेकिन चकबंदी अधिकारी यारों ने बिना सुनवाई के ही जमीन एकतरफा तौर पर प्रधान को दे दी। कमिश्नर के अपील के आदि आदिवासी जा रहे थे इसी बीच यह घटना घटित हो गई। आईएएस प्रभात कुमार ने गलत तरीके से जमीन सोसायटी को ट्रांसफर की, उसके बाद अपने संबंधियों के नाम से ट्रांसफर कराई।उसके बाद उनके संबंधियों ने जो बैनामा प्रधान को किया वह भी पावर ऑफ अटार्नी जो गलत तरीके से की गई उसके माध्यम से किया है। इस तरह से आदिवासियों के अधिकार को छीन लिया गया। पावर ऑफ अटॉर्नी का नियम यह है कि जमीन जहां होगी वहीं के द्वारा जारी किया जाना चाहिए, जबकि दिल्ली से यह लोग पावर आफ अटॉर्नी लाकर सोनभद्र में जमीन ग्राम प्रधान को ट्रांसफर कर दिए।
BY- SANTOSH JAISWAL

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो