मामला बरेली बरवाडीह त्रिवेणी एक्सप्रेस का है जो यूपी के बरेली से सोनभद्र के चोपन होते हुए झारखंड के बरवाडीह तक जाती है। यह ट्रेन जब शनिवार को चोपन स्टेशन पहुंची तो अचानक यात्रियों को पता चला कि त्रिवेणी एक्सप्रेस एक दिन पहले 15 नवंबर से 18 नवंबर तक के लिये चोपन से बरवाडीह के बीच कैंसिल है। इसके बाद तो यात्रियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। चोपन से आगे तक का टिकट बुक कराए यात्रियों को आधे रास्ते में ही उतार दिया गया था। ट्रेन चोपन से आगे कैंसिल थी। यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। बावजूद इसके काफी देर तक वहां रेलवे का कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। इससे उनका गुस्सा और बढ़ गया और नाराज यात्रियों ने स्टेशन मास्टर के कमरे में ताला जड़ दिया। गुस्सा देखकर स्टेशन मास्टर जेएन मिश्रा उन्हें समझाने पहुंचे लेकिन वो लोग मानने को तैरूार नहीं हुए।
यात्रियों का कहना था कि उन लोगों ने लखनऊ से अपने गंतव्य तक का टिकट बुक कराया था। दिन पहले शाम को जब लखनऊ से चली तब तक उन्हें यह जानकारी नहीं दी गयी कि यह आगे कैंसिल है। सुबह चोपन पहुंचने पर बताया गया कि त्रिवेणी एक्सप्रेस यहां से आगे नहीं जाएगी। यात्रियों का कहना था कि हमें आधे रास्ते लाकर छोड़ दिया गया और कहा जा रहा है कि ट्रेन कैंसिल है। जबकि हमने टिकट के पूरे पैसे चुकाए हैं। अगर ट्रेन कैंसिल थी तो टिकट बुक कैसे हो गया। अब कोई जिम्मेदार अधिकारी इसका जवाब देने को तैयार नहीं।
उधर इस मामले में चोपन के स्टेशन मास्टर जेएन मिश्रा ने माना कि 15 से 18 नवंबर तक त्रिवेणी एक्सप्रेस बरवाडीह से चोपन तक निरस्त है और यात्रियों के साथ गलत हुआ है। ट्रेन कैंसिल होने के एक दिन बाद टिकट कैसे बुक हो गया इसका जवाब वो भी नहीं दे सके और इसे कॉमर्शियल डिपार्टमेंट का मामला बताकर टाल दिया।
By Santosh