ज्ञात हो कि, सुकृत खनन क्षेत्र होने के कारण खदानों में उपयोग होने वाले विस्फोटक निष्क्रिय अवस्था में खदानों में पड़ा रहता है। मृतक किन परिस्थितियों में विस्फोटक तक पहुंचा या किन्ही और कारणों से उसकी मौत हुई इसका पता नही चल सका। पुलिस ने भी तहरीर मिलने की बात कही है। सूत्रों की माने तो घटना इतनी भयावह थी कि किशोर के सिर के परखच्चे उड़ गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है।
यह भी पढ़ें- जिले में चल रहे सरकारी परमिट व अवैध खनन की कारस्तानी को लेकर उठते रहे हैं आवाज अवैध खनन व सर्वाधिक राजस्व देने के मामले में चर्चित सोनभद्र इन दिनों दूसरे वाकये को लेकर चर्चा में है। जी हां हम बात कर रहे हैं जिले में चल रहे परमिट की कालाबाजारी व खनन की।
सूबे में बदली सरकार ने खनन के क्षेत्र में पूर्व की सरकार में मिल रहे राजस्व पन्ना यानि परमिट के सिस्टम को बदल दिया जनता को नई सरकार से उम्मीद थी कि, अब दो हजार की सरकारी परमिट की कालाबाजारी रुकेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ बदला तो केवल कान पकड़ने का तरीका, आज भी गिट्टी बालू पर लगने वाला सरकारी परमिट सरकारी मूल्य से पांच गुना दाम पर पब्लिक को मिल रहा है नये सरकार का लाभ नहीं मिल रहा।
इन्हीं सब मामलो को केकर शाश्वत मंच के संस्थापक श्याम जी मिश्रा ने कई बार पुतला दहन व धरना प्रदर्शन के माध्यम से अपने बैनर तले व कार्यकर्ताओ संघ ओबरा से जनपद मुख्यालय और वाराणसी तक जिले में चल रहे अवैध खनन व सरकारी परमिट की कालाबाजारी को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। बार-बार सांत्वना मिलने के बाद भी उनकी बात को नहीं सुना गया. जिससे भाजपा की सरकार विधान सभा चुनाव के समय दिए स्लोगन गिट्टी बालू सस्ता होगा और हर गरीब का कच्चा घर पक्का होगा पूरी तरह कोरा कागज साबित हो रही।
input- जितेंद्र गुप्ता