इनेलो विधायक रणबीर गंगवा और जाकिर हुसैन तथा कांग्रेस की ओर से गीता भुक्कल समेत ग्यारह विधायकों द्वारा लगाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर स्वाइन फ्लू का मुद्दा उठाया गया। कर्ण सिंह दलाल ने कहा कि स्वाइन फ्लू से लोग मर रहे हैं, जबकि सरकार कुछ नहीं कर रही। इस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पिछले साल से लेकर 17 फरवरी तक प्रदेश में स्वाइन फ्लू के कुल 813 मरीज सामने आए हैं, जबकि राजस्थान में 5883, दिल्ली में 2483 और उत्तर प्रदेश में 721 मामले स्वाइन फ्लू के दर्ज हुए। इस दौरान प्रदेश में स्वाइन फ्लू से कुल 14 लोगों की मौत हुई, जबकि राजस्थान में 348, उत्तर प्रदेश में 17, पंजाब में 42 और हिमाचल प्रदेश में 29 लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ा।
विज ने कहा कि कोई भी निजी अस्पताल अपने स्तर पर मरीज को स्वाइन फ्लू की शिनाख्त नहीं कर सकता है। वैक्सीन भी पहले से तैयार नहीं की जा सकती क्योंकि इस बीमारी का वायरस हर साल रूप बदल रहा है। सभी अस्पतालों में पर्याप्त टैमी फ्लू उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के विधायक दूसरी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की मौतों को भी स्वाइन फ्लू बता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। विज ने बताया कि लोगों के संपर्क में आने से फैलने वाली बीमारी को रोकने के लिए 78 सरकारी और 143 निजी अस्पतालों में अलग वार्ड बनाए गए हैं। कुल 618 अस्पतालों में वेंटीलेटर की सुविधा है ताकि आपात स्थिति में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं दी जा सकें। संक्रमित बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।