पहली चिट्ठी आढ़ती पुरुषोतम दास 1996 से बाबरपुर मंडी में आढ़त का काम कर रहे हैं। वे मंडी में ही रहते है। 14 सितंबर, 2020 को उन्हें दुकान के गोदाम में एक चिट्ठी पड़ी मिली, जिसमें बेटे और पोते को जान से मारने की धमकी देकर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती की रकम रजापुर गांव में गुरुद्वारे के पीछे रखने की बात लिखी थी। उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
दूसरी चिट्ठी इसके बाद 23 सितंबर, 2020 को वह नलकूप पर गए तो वहां दरवाजे में दूसरी चिट्ठी टंगी मिली। इसमें बदमाश ने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी और इस बार रकम ट्यूबवेल के पास ही खेत में छोड़ने की बात लिखी। धमकी को नजरअंदाज कर उन्होंने अपना कामकाज जारी रखा।
तीसरी चिट्ठी गुरुवार को फिर खेत में ट्यूबवेल के रास्ते पर धमकी भरी चिठ्ठी पड़ी मिली, जो एक परिचित खुशीराम ने लाकर दी। फिर से एक करोड़ रुपये की मांग की गई है। तीनों चिटि्ठयों में किसी का नाम और पता नहीं है। उन्हें किसी जानकार पर कोई शक भी नहीं है। लॉकडाउन के कारण पहले ही काम धंधा ठप पड़ा है। गेहूं के सीजन में उन्हें काफी नुकसान हुआ था। अब अधिकतर जानकार किसानों को रुपए दे रखे हैं। ऐसे में उनके पास इस मांग को पूरा करने के लिए रुपए नहीं हैं। पुलिस में रिपोर्ट लिखा दी है।