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ब्राह्मणों को दान में मिली पंचायती जमीन, रजिस्ट्री रूकी तो हुआ विवाद

locationसोनीपतPublished: Feb 22, 2020 06:07:52 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

सरकार का दावा धौली की वास्तविक जमीनों की हो चुकी है रजिस्ट्री अब रामबिलास उठाएंगे सीएम के दरबार में मुद्दा

ब्राह्मणों को दान में मिली पंचायती जमीन, रजिस्ट्री रूकी तो हुआ विवाद

ब्राह्मणों को दान में मिली पंचायती जमीन, रजिस्ट्री रूकी तो हुआ विवाद

चंडीगढ़. हरियाणा में पिछले वर्षों के दौरान ब्राह्मणों की मिली जमीन के मालिकाना हक को पैदा हुए विवाद में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने जहां इस मुद्दे पर सरकार को घेर लिया है वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने यह मुद्दा अब मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने का फैसला किया है।

हरियाणा के गावों में विभिन्न समुदाय के लोगों द्वारा ब्राह्मणों को जमीन दान में दी जाती थी। जिसे धौली की जमीन कहा जाता है। वर्ष 2011 में हुड्डा सरकार में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के हस्तक्षेप के चलते ब्राह्मणों को धौली (दान) की जमीनों पर मालिकाना हक देने का निर्णय लिया गया था। उस समय 500 रुपए प्रति एकड़ की दर से जमीन का मालिकाना हक देने की दर तय की गई थी। उसके बाद से कई ब्राह्मणों ने जमीनें अपने नाम करा ली, लेकिन जो रह गए, वह अब हंगामा खड़ा कर रहे हैं।

इसलिए फंस गया पेंच

सरकार का दावा है कि पूर्व समय के दौरान बहुत से ब्राह्मणों को दान में रूप में लोगों ने व्यक्तिगत जमीन के साथ-साथ पंचायती जमीन भी दे डाली। अब तक सरकार द्वारा व्यक्तिगत जमीनों की रजिस्ट्री तो की जा चुकी है लेकिन पंचायती जमीनों को लेकर पेंच फंस गया है। प्रदेश सरकार ने सिर्फ ऐसी जमीनों पर ब्राह्मणों को मालिकाना हक नहीं देने का निर्णय लिया है, जो सरकारी है, लेकिन कुछ लोगों ने उसे दान में मिली बताकर बरसों से कब्जे कर रखे हैं। विभिन्न जिलों में इन जमीनों पर जब प्रशासनिक अधिकारियों ने मालिकाना हक देने में रोड़ा अटकाया तो विवाद बढ़ गया है।

इन्होंने उठाए मामले

बादली से विधायक कुलदीप वत्स ने धौली की जमीनों पर ब्राह्मणों को मालिकाना हक नहीं मिलने का मुद्दा उठाया है। उनकी दलील है कि सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को निर्देश गए हैं कि धौली की जमीनों के मालिकाना हक प्रदान न किए जाएं। फरीदाबाद एनआइटी के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा और गन्नौर के पूर्व विधायक कुलदीप शर्मा ने भी ब्राह्मणों को जमीनों का मालिकाना हक नहीं मिलने पर आपत्ति जताई है।

पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और मौजूदा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ब्राह्मणों को दान में मिली (धौली की) जमीनों को मालिकाना हक के बारे में स्थिति साफ करने को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करेंगे। दोनों ब्राह्मण नेताओं ने इस बारे में राजस्व मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से भी बात करने की तैयारी की है।

ब्राह्मण विरोधी सरकार से सदन में मांगेंगे जवाब


यह सरकार ब्राह्मण विरोधी है। कभी कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में ब्राह्मण विरोधी सवाल पूछती है तो कभी ब्राह्मणों को दान में मिली जमीनों का मालिकाना हक नहीं देती है। इस फैसले को हमने लागू किया था कि ब्राह्मणों को दान में मिली जमीनों का मालिकाना हक मिले। हम और हमारी पार्टी के विधायक इस मुद्दे पर सदन में सरकार की घेराबंदी करेंगे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व सीएम, हरियाणा

गठबंधन सरकार की ओर से ब्राह्मणों को दान में दी गई जमीन को वापस लेना ब्राह्मण विरोधी फैसला है। कांग्रेस ब्राह्मण समाज के खिलाफ की जा रही इस साजिश की कड़े शब्दों में निंदा भी करती है व पूरे हरियाणा में हम इसका डटकर विरोध करेंगे। वर्ष 2010 में कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने कानून बना कर ब्राह्मण समुदाय के लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिया गया था। 16 मार्च 2010 को स्वयं मैने यह महत्वपूर्ण बिल ड्राफ्ट कर हरियाणा विधानसभा में पेश किया था। जिससे 37,836 धौलेदार और 3838 भोंडेदार क्रमश: 14,187 एकड़ और 5 हजार से ज्यादा एकड़ जमीन के मालिक बन गए थे, लेकिन भाजपा- जजपा सरकार ब्राह्मण समुदाय के प्रति दुर्भावनाओं के चलते उनको उन्हीं की जमीनों से बेदखल कर लगभग पचास हजार ब्राह्मण परिवारों के हकों को छीनने पर उतारू है।
रणदीप सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, एआईसीसी
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