सरकार ने क्या किया हरियाणा सरकार की तरफ से 5 जुलाई को गडरिया समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के खिलाफ डॉ. अंबेडकर सभा ने एडवोकेट वीके जिंदल के जरिये याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने इस आदेश पर रोक लगा दी है।
क्या है तर्क याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि 5 जुलाई को हरियाणा सरकार ने गड़रिया समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी। फिर सात जुलाई को गड़रिया समाज को अनुसूचित जाति वर्ग का प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। याचिकाकर्ता का आरोप है कि ये दोनों ही नोटिफिकेशन संविधान की अनुच्छेद-341 का उल्लंघन कर जारी किये गए हैं। इस प्रकार का संसोधन सिर्फ संसद ही कर सकती है। राज्य विधान सभा के पास इस सूची में संशोधन का अधिकार नहीं है। इस आधार पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है।