अनुबन्ध आधार पर अपने विभाग में नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की विजिलेंस जांच की मांग करने वाले वरिष्ठ मंत्री है अनिल विज। विज ने अपने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग में राज्य सरकार की आउटसोर्सिंग नीति के तहत अनुबन्ध आधार पर की गई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की गंध माहसूस की है। विज ने बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में इस बात का खुलासा किया।
उन्होंने बताया कि उनके विभाग में आउटसोर्सिंग नीति के तहत अनुबंध आधार पर की गई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर समयबद्ध ढंग से विजिलेंस ब्यूरों से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जांच को बहुत लम्बा समय नहीं दिया जाना चाहिए। जरूरतभर के समय में जांच पूरी कराई जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे हमेशा ही अनुबन्ध आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों के विरोध में रहे हैं और अब ऐसी नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी मिल रही है।
देश के राजनीतिक घटनाक्रम पर विज ने कहा कि हाल के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को पूरी तरह सफलता मिलने जा रही है। उन्होंने आगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के दलाल क्रिश्चियन जेम्स मिशेल के दुबई से भारत आने पर कहा कि अब सचाई सामने आएगी। कांग्रेस नेताओं की तो नींद ही उड़ हो गई होगी। ऐसे में देशभर के अस्पतालों में कांग्रेस नेताओं के लिए बैड आरक्षित रखना चाहिए। मालूम नहीं किसी कांग्रेस नेता की सचाई उजागर होने के डर से कब तबियत बिगड जाए।
विज ने कहा कि हरियाणा के अम्बाला कैण्ट में कैंसर के इलाज के लिए सभी आधूनिक सुविधाओं से सम्पन्न अस्पताल बनाया जा रहा है। इस अस्पताल में हरियाणा ही नहीं देशभर के कैंसर मरीजों का इलाज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कैंसर रोगियों की संख्या बढने को लेकर सरकार जागरूक है। प्रदेश में एक व्यापक रोग परीक्षण अभियान भी चलाया जाने वाला है। इस अभियान के तहत हर व्यक्ति की जांच कर पता लगाया जाएगा कि कौन-कौन सी बीमारियां पैर पसार रही है। पूरा डाटा मिलने पर इलाज की माकूल व्यवस्था की जाएगी। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार प्रति एक हजार आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन हरियाणा में 1800 की आबादी पर एक डॉक्टर है। लेकिन इस तरह डॉक्टरों की कमी केवल हरियाणा में ही नहीं देशभर में है। मौजूदा सरकार ने प्रदेश में डाक्टरों के साढे नौ सौ पद भरे है। अब सरकार ने एक नई नीति लागू की है जिसके तहत हरियाणा से मेडिकल डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को कम से कम दो साल हरियाणा में सेवा देनी होगी।