कीटों की 1000 प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर
-कीटों की 10 लाख प्रजातियां ज्ञात हैं अभी

जलवायु परिवर्तन, कीटनाशक, खरपतवार नाशकों के कारण पृथ्वी से हर वर्ष एक से दो प्रतिशत कीटों की प्रजातियां खत्म हो रही हैं। नए शोध में वैज्ञानिक कनेक्टिकट विवि के डेविड वागनर का कहना है कि कीटों के नष्ट होने की यही गति रही तो जल्द ही दुनिया से एक हजार कीट लुप्त हो जाएंगे। रिसर्च में कई देशों के 56 वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।
मारने पर अरबों खर्च, बचाने पर कुछ नहीं
डेलावेयर विवि के डग टेलेमी का कहना है कि पिछले तीन दशक में कीटों को मारने के नए तरीके ढूंढने में अरबों डालर खर्च किए जा चुके हैं, जबकि उन्हें संरक्षित करने पर कुछ भी खर्च नहीं किया गया।
क्यों जरूरी हैं कीट
रिसर्च के सह लेखक और इलिनोय विवि के कीट विज्ञानी मेय बेरेनबाम का कहना है कि कीट दुनियाभर में खाद्य सामग्री से जरूरी परागकण स्थानांतरिक करते हैं, जो खाद्य शृंखला का अहम हिस्सा है। कूड़े करकट के निस्तारण में भी इनकी अहम भूमिका होती है। वागनर कीटों को ऐसा धागा मानते हैं, जिनसे धरती और जीवन का आधार बुना हुआ है।
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