32 साल बाद 50 साल की दादी ने पास की 12वीं, खासी भाषा में डिग्री करने की इच्छा
मेघालय निवासी लकींति सिविलेमिह ने सीबीएसई बोर्ड से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की है और वे खासी भाषा में अपनी डिग्री करना चाहती हैं।

मेघालय। हाल ही आए सीबीएसई बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में इस साल पास होने वाले छात्र-छात्राओं में एक नाम मेघालय की रहने वाली लकींति सिविलेमिह का भी है। उनका नाम इसलिए खास है क्योंकि 1988 में पढ़ाई छोड़ देने वाली सिविलेमिह 50 साल की हैं और दो बच्चों की दादी हैं। 32 साल पहले निजी कारणों से अपनी पढ़ाई अधूरी छोडऩे का दुख हमेशा उन्हें हमेशा रहा। इसी अधूरे सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने फिर से पढ़ाई पूरा करने का निश्चय किया और इस साल वे अपने प्रयास में सफल भी हो गईं। वे अपनी उम्र की ऐसी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जिन्होंने किसी कारण अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ दी लेकिन घरेलू जिम्मेदारियों के कारण दोबारा कभी पढ़ ही नहीं सकीं।
नौकरी से निकली राह
सिविलेमिह बताती हैं कि गणित में कमजोर होने के कारण उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। लेकिन घर चलाने की जिम्मेदारी के चलते उन्होंने 2008 में एक प्राथमिक स्कूल में नौकरी कर ली। यहां बच्चों को पढ़ाते हुए उनमें भी अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने का जज्बा जागा। वे एक सिंगल वर्किंग मदर (single working mother) हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई 10वीं कक्षा से रात्रिकालीन अंशकालीन विद्यालय में प्रवेश लेकर शुरू की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

शिक्षा मंत्री ने भी की तारीफ
स्थानीय मीडिया के अनुसार उनके 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर मेघालय के शिक्षा मंत्री लाहमेन रिम्बुई ने भी तालियां बजाकर उनकी प्रशंसा की और दूसरों को उनसे सीख लेने को कहा। 11वीं पांस करने के बाद उन्होंने नियमित कक्षाओं मेंप्रवेश लिया और दूसरे छात्रों की ही तरह स्कूल की वर्दी में आती थीं। स्कूल में सभी छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने उनके हौसले की तारीफ की। सब उन्हें मम्मी कहकर बुलाते हैं। अब वे कॉलेज में प्रवेश लेकर अपनी स्थानीय खासी भाषा पर शोध करना चाहती हैं।
सफर एक नजर में
-1988 में गणित के कारण छोड़ी पढ़ाई
-1991 में 21 साल की उम्र में हुई शादी
-2008 में प्राथमिक स्कूल में टीचर की नौकरी की
-2015 में इग्नू के कोर्स में प्रवेश लिया जिसमें गणित विषय नहीं था
-2017 में 10वीं कक्षा पास की और पढ़ाई जारी रखने का निर्णय लिया
-2019 में 12वीं कक्षा में प्रवेश लिया, यूनिफॉर्म में स्कूल आती थीं
-2020 में 50 साल की उम्र में 12वीं कक्षा पास की
-24,267 छात्रों में वे भी एक थीं जिन्होंने इस साल परीक्षा पास की
-04 बच्चे और 02 पोता-पोती की दादी सिविलेमिह ने तृतीय श्रेणी में परीक्षा पास की है
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