प्रति वर्ष कितनी बर्फ पिघल रही
40 हजार करोड़ टन ग्लेशियर प्रतिवर्ष खत्म हो रहे हैं।
29,400 करोड़ टन बर्फ पिघल रही है आइसलैंड में
12,700 करोड़ टन बर्फ पिघल रही अंटार्कटिका में
13.01 फीसदी प्रत्येक दशक में कम हो रही बर्फ आर्कटिक में
-1980 के बाद वातावरण में 0.26 और समुद्र में 0.12 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से तापमान बढ़ रहा है।
-68 फीसदी बर्फ पिघली है, जबकि 32 फीसदी समुद्रों में जमा बर्फ में कमी आई है।
40 हजार करोड़ टन ग्लेशियर प्रतिवर्ष खत्म हो रहे हैं।
29,400 करोड़ टन बर्फ पिघल रही है आइसलैंड में
12,700 करोड़ टन बर्फ पिघल रही अंटार्कटिका में
13.01 फीसदी प्रत्येक दशक में कम हो रही बर्फ आर्कटिक में
-1980 के बाद वातावरण में 0.26 और समुद्र में 0.12 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से तापमान बढ़ रहा है।
-68 फीसदी बर्फ पिघली है, जबकि 32 फीसदी समुद्रों में जमा बर्फ में कमी आई है।
इन स्थानों पर किया अध्ययन
वैज्ञानिकों ने दुनिया के 215,000 ग्लेशियर्स, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर और दक्षिणी महासागारों में समुद्र में मौजूद बर्फ का अध्ययन किया है। क्या होगा असर
बर्फ पिघलने की यह गति रही तो समुद्रों का जलस्तर बढ़ जाएगा। तटीय क्षेत्र जलमग्न होने से बड़ी आबादी को पलायन करना पड़ेगा। प्राकृतिक आवास खत्म होने से वन्यजीवों पर बुरा असर पड़ेगा।
वैज्ञानिकों ने दुनिया के 215,000 ग्लेशियर्स, अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड में बर्फ की चादर और दक्षिणी महासागारों में समुद्र में मौजूद बर्फ का अध्ययन किया है। क्या होगा असर
बर्फ पिघलने की यह गति रही तो समुद्रों का जलस्तर बढ़ जाएगा। तटीय क्षेत्र जलमग्न होने से बड़ी आबादी को पलायन करना पड़ेगा। प्राकृतिक आवास खत्म होने से वन्यजीवों पर बुरा असर पड़ेगा।
—————————————————————————————————- -जिस तेजी से बर्फ पिघल रही है, उसके परिणाम इसी सदी में महसूस किए जाएंगे। तटीय आबादी पर बड़ा संकट आ सकता है।
-थॉमस स्लेटर, मुख्य शोधकर्ता, लीड्स विवि, ब्रिटेन
-थॉमस स्लेटर, मुख्य शोधकर्ता, लीड्स विवि, ब्रिटेन