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VIDEO : टिप्पणी : उदयपुर की पहली महिला कलक्टर का ताज तो पहना, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं ..

locationउदयपुरPublished: Dec 27, 2018 06:37:13 pm

मुबारक, आप उदयपुर की पहली महिला कलक्टर है

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VIDEO : उदयपुर की पहली महिला कलक्टर का ताज तो पहना, लेकिन चुनौतियां भी ​कम नहीं ..

सिकन्दर पारीक
उदयपुर। मुबारक, आप उदयपुर की पहली महिला कलक्टर हैं। युवा हैं, संभवत: विकास कार्य को लेकर उत्साहित भी होंगी। झीलों की इस नगरी में मेवाड़ी परंपरा से आपका स्वागत। वर्तमान में यह एशिया का तीसरा सबसे खूबसूरत शहर है। स्मार्ट सिटी में शुमार हो गया है। पर्यटन व्यवसाय यहां अर्थव्यवस्था की धुरी है।
अब इस जिले की बागडोर आपके हाथ में है। चाहे मेवाड़ी आन-बान-शान बनाए रखनी है या फिर शहर की पहचान झीलों को साफ-सुथरा रखना है। झीलों को निहारकर जब दूर निकलेंगी तो आदिवासी परम्पराओं से भी स्वागत होगा। ये वे लोग हैं, जिनके लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की योजनाएं बनती है। खूब बजट मिलता है लेकिन आदिवासी इलाकों के हाल जैसे पहले थे, वैसे ही आज हैं। कई जगह बिजली, पानी तक नहीं, छितराई आबादी में रहते हैं। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पेट भरते हैं। फुर्सत मिले तो एक बार नहीं, कई बार वहां जाना चाहिए ताकि योजनाओं की क्रियान्विति की असलियत सामने आ सकेगी। कैसे, कागजों में सब कुछ सही और हकीकत में कुछ नहीं।
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अब शहर ही ले लीजिए। यहां की खूबसूरती पर जिम्मेदार लापरवाही का दाग लगा रहे हैं। दो दिन पहले एक पर्यटक को मवेशी ने घायल कर दिया। झीलों की साफ-सफाई नहीं हो रही है। लोगों ने झीलों के किनारों पर अतिक्रमण कर लिए हैं। कुछ ऊंची-ऊंची बिल्डिंग भी दिखेंगी, जिन्हें नियम कायदे तोडक़र बनाया गया है। पर्यटक खूब आते हैं लेकिन रात को 11 बजे बाद उनके खाने-पीने का कोई प्रबंध नहीं रहता। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में भी अव्यवस्थाओं का डेरा सा दिखता है।
आयड़ को वेनिस जैसा देखने का ख्वाब शहरवासी लम्बे समय से पाल बैठे हैं। इसमें गलती भी क्या? राजनेताओं ने पता नहीं कितनी बार यह सपना दिखाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी। अब अफसरशाही है कि शहर की इस महत्वाकांक्षी योजना में लापरवाही बरतने से नहीं चूक रही। दो दिन पहले ही पुराने वाले कलक्टर जाकर आए हैं। ठेकेदार के खिलाफ अपराधिक कृत्य की मानिंद कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, लेकिन वे कार्रवाई में उन अफसरों को शामिल करना भूल गए, जिनकी लापरवाही से कार्य रेंग रेंगकर चल रहा है। ताज्जुब करेंगी कि निरीक्षण में सामने आया कि नदी पेटे में किसी ने सेप्टिक टैंक के लिए खड्डा खोदा है तो पहले क्या यह किसी को नहीं दिखा। खैर, जैसे जैसे अफसरों से रू-ब-रू होंगी, खुद-ब-खुद समझ में आ जाएगा।
मेवाड़ को आपसे केवल इतना चाहिए …विकास कार्यों पर सतत निगरानी, लापरवाह अधिकारियों-कार्मिकों पर कार्रवाई, आम आदमी का वाजिब कार्य आसानी से हो, शहर स्मार्टसिटी की दौड़ में आगे रहे, आयड़ स्वच्छ-सुंदर बनें, आवारा पशुओं से निजात मिलें…कार्य में निष्पक्षता व निर्भीकता रहे…आदिवासी परिवारों के लिए जो योजनाएं हैं, उनका लाभ उन मेहनतकश हाथों को मिले…बस इतना सा। उम्मीद है कि आमजन को राहत देने व विकास के लिए कुछ नया करेंगी। वरना कलक्टर कक्ष की दीवार पर चस्पा बोर्ड पर एक नाम आपका भी लगकर रह जाएगा…कुछ ऐसा कीजिए कि मेवाड़ आपके कार्यकाल को याद रखें।
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