खरीद केन्द्रों पर २६ करोड़ रुपए का लहुसन बिका
Published: Sep 13, 2018 07:40:54 pm
– सहकारी समिति से लहसुन खरीद के दस्तावेज लिए- जोधपुर के खरीद केन्द्रों पर दूसरे राज्यों का लहसुन बिकने का मामला- एसीबी ने मथानिया में क्रय-विक्रय सहकारी समिति के जीएम से
खरीद केन्द्रों पर २६ करोड़ रुपए का लहुसन बिका
जोधपुर.
किसानों को लहसुन की पैदावार का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक माह के लिए खोले सरकारी खरीद केन्द्रों से एक माह में २०५४ किसानों के नाम २६ करोड़ रुपए का लहुसन खरीदा गया था। यह लहुसन जिले में उत्पादित था या बाहरी राज्य या दूसरे जिलों से लाया गया था? और बेचने वाले किसान ही थे या व्यापारियों ने किसानों के नाम लहसुन बेचकर मात्र कमीशन दिया था? इसकी जांच के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम गुरुवार को मथानिया स्थित क्रय-विक्रय सहकारी समिति पहुंची और जीएम से लहुसन की खरीद व बिक्री की प्रक्रिया जानीं। साथ ही संबंधित दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल सिंह भाटी ने बताया कि मथानिया व जोधपुर मण्डी के खरीद केन्द्रों पर लहसुन की बिक्री में बड़ा घोटाला होने की शिकायत की जांच चल रही है। उसी के तहत गुरुवार को मथानिया स्थित क्रय-विक्रम सहकारी समिति में जांच की गई। लहसुन खरीद के लिए सहकारी की तरफ से जोधपुर व मथानिया में ३० मई से ३० जून तक खरीद केन्द्र खोले गए थे। एेसे में मथानिया स्थित समिति से लहसुन के क्रय व विक्रय से संबंधित रिकॉर्ड लिए गए हैं। वहीं, समिति के वर्तमान प्रबंधक पाबूराम चौधरी से लहसुन खरीद व बिक्री प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली गई।
गौरतलब है कि मथानिया निवासी श्यामलाल गहलोत ने लहसुन खरीद केन्द्रों पर बड़े घोटाले की शिकायत एसीबी में की थी। किसानों को लहसुन का उचित मूल्य दिलाने के लिए जोधपुर के मथानिया व जोधपुर कृषि मण्डी में खरीद केन्द्र खोले गए थे, जहां जिले के किसानों से उत्पादित लहसुन की ही खरीद होनी थी, लेकिन इसका फायदा किसानों की बजाय व्यापारियों ने उठाया। उन्होंने कोटा व मध्यप्रदेश के किसानों से सस्ते दामों पर लहसुन खरीदा और जोधपुर के खरीद केन्द्रों पर लाकर तीन-चार गुना दर से बेचे थे।
किसान नहीं आ रहे सामने
एसीबी का कहना है कि एक महीने के लिए खोले गए खरीद केन्द्रों पर मथानिया में ७८४ और जोधपुर में १२७० किसानों के नाम से लहसुन की खरीद हुई थी। प्रत्येक किसान से अधिकतम चालीस क्विंटल लहसुन खरीदा गया था। इसके लिए किसानों को ई-मित्र से टोकन प्राप्त किए थे। पटवारी से जमाबंदी ली गई थी। ३२५७ रुपए प्रति क्विंटल से किसानों के बैंक खातों में २६ करोड़ ७५ लाख से अधिक रुपए जमा हुए थे। एसीबी इन किसानों से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन अभी तक कोई किसान सामने नहीं आए हैं। किसानों से जांच में स्पष्ट होगा कि वाकई में उन्होंने ही दोनों केन्द्रों पर लहसुन बेचे थे या उनके नाम से किसी व्यापारी ने लहसुन की बिक्री की थी।