धौलपुर

प्रशासन हुआ नाकाम शहर में सरपट दौड़ रहे बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्राली

dholpurधौलपुर. तू डाल…डाल…तो… मैं…पात… पात की कहावत धौलपुर प्रशासन और बजरी माफियाओं के मध्य एकदम सटीक बैठ रही है। जिला मुख्यालय पर चंबल बजरी परिवहन रोकने के लिए भले ही प्रशासनिक तौर पर तमाम दावे किए जा रहे हो, लेकिन असल हकीकत किसी से छुपी हुई नहीं है। शहरी आबादी क्षेत्र से बेरोकटोक चल रहे चंबल बजरी के वाहनों को गुजरना जारी है। ऐसे में चंबल बजरी परिवहन को रोकने के तमाम प्रयास बौने साबित होते नजर आ रहे है।

धौलपुरNov 12, 2019 / 11:04 am

Naresh

प्रशासन हुआ नाकाम शहर में सरपट दौड़ रहे बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्राली

प्रशासन हुआ नाकाम शहर में सरपट दौड़ रहे बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्राली
शहर के आम रास्तों में खुलेआम गुजर रहे बजरी के ट्रेक्टर-ट्रॉलियां

धौलपुर. तू डाल…डाल…तो… मैं…पात… पात की कहावत धौलपुर प्रशासन और बजरी माफियाओं के मध्य एकदम सटीक बैठ रही है। जिला मुख्यालय पर चंबल बजरी परिवहन रोकने के लिए भले ही प्रशासनिक तौर पर तमाम दावे किए जा रहे हो, लेकिन असल हकीकत किसी से छुपी हुई नहीं है। शहरी आबादी क्षेत्र से बेरोकटोक चल रहे चंबल बजरी के वाहनों को गुजरना जारी है। ऐसे में चंबल बजरी परिवहन को रोकने के तमाम प्रयास बौने साबित होते नजर आ रहे है।
उल्लेखनीय है कि चंबल बजरी परिवहन से जुड़े लोगों का बढ़ता दुस्साहस कानूनी नियम कायदों की धज्जियां उड़ा रहा है। जिला मुख्यालय पर बजरी से भरे ट्रेक्टर-ट्रॉलियां का परिवहन आमरास्तों से होकर किया जा रहा है। उनमें अब कोई भी खौफ नजर नहीं रहा है। मजे की बात यह है कि आए दिन छोटे-छोटे अपराधियों को पकड़े जाने पर पुलिस अधिकारी अपनी पीठ तो थपथपा लेते हैं, लेकिन अभी तक पुलिस अधिकारियों की ओर से किसी भी बजरी माफिया के पकड़े जाने को लेकर बातें उजागर नहीं की गई है। पुलिस की ओर से हमले के मामले तो औपचारिकता के तौर पर दर्ज कर लिए जाते है, लेकिन अभी तक बजरी व्यापार से जुड़े किसी बड़े गिरोह तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में पुंिलस कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए है। पुलिस ने रेता की निकासी को रोकने के लिए सारे जतन कर लिए। लेकिन सब फेल रहे। इसे लेकर चंबल किनारे के रेता के ट्रेक्टर निकलने वाले रास्तों को जेसीबी से खुदवा दिया गया, कई स्थानों पर बड़े पत्थर रखवा दिए। लेकिन उसके बाद भी रेता निकासी थम नहीं रही है। हालांकि रास्तो को खुदवा देने व पत्थर रखकर बंद कर देने से अन्य लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर लोग आलोचना भी करते हैं।
तमाम प्रयास फेल
कहने को बजरी परिवहन रोकने को शहर व हाइवे पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं गए है, बजरी परिवहन के रास्तों पर बड़े-बड़े पत्थर लगवाए और जगह-जगह पुलिस जाप्ता तैनात किया, रात्रिकालीन गश्त कराई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात के तौर पर सामने आ रहा है। तमाम प्रयासों के बाद भी बजरी परिवहन रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
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