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जल्द 8890 करोड़ रूपये मूल्य की कम्पनी का सीईओ बन सकता है ये भारतीय

locationजयपुरPublished: Mar 02, 2020 09:14:01 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

हाल ही दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति और जाने-माने निवेशक वॉरेन बफेट ने अपनी 63.73 खरब (8890 करोड़ रुपए) मूल्य की कंपनी बर्कशायर हैथवे के नए उत्तराधिकारी के रूप में दो संभावित अधिकारियों के नाम लिए हैं। इनमें पहला नाम है ग्रेग अबेल और दूसरे हैं कंपनी के इंश्योरेंस डिविजन के प्रमुख अजीत जैन।

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आइआइटी खडग़पुर से पास आउट जैन बफेट के भरोसेमंद और काफी करीब माने जाते हैं। बीते साल मई में आयोजित हुई शेयरहोल्डर्स की वार्षिक बैठक में भी 88 वर्षीय बफेट ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने का इशारा किया था। हालांकि नॉन-इंश्योरेंस विभाग चलाने वाले ग्रेग अबेल को भी उत्तराधिकार का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी बफेट का जैन पर भरोसा ऐसे ही नहीं है। ग्रेग अभी 56 साल के हैं और उनके अनुभव पर 65 साल के जैन का अनुभव भारी है। एक वजह यह भी है कि शेयरहोल्डर्स के लिए जितना लाभ और पैसा जैन ने अर्जित किया है उतना कंपनी ने किसी और ने नहीं किया है, ग्रेग अभी इस मामले में भी जैन से काफी पीछे हैं। इस बात का जिक्र खुद बफेट भी कई मौकों पर कर चुके हैं। 1951 में ओडिशा में जन्मे अजीत जैन ने खडग़पुर आइआइटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री करने के बाद 1973 में आइबीएम से अपने कॅरियर की शुरुआत की। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए करने के बाद जैन ने सीढ़ी-दर-सीढ़ी सफर तय करते हुए 1986 में हैथवे इंश्योरेंस ग्रुप में अपने पांव जमाए। उनके नेतृत्व में बीमा विभाग ने जबरदस्त लाभ कमाते हुए इन्वेस्टमेंट कंपनी को मालामल कर दिया। आज वे इसी कंपनी में बीमा विभाग के वाइस-चेयरमैन हैं। बफेट उन्हें अपने बेटे की तरह परिवार का सदस्य मानते हैं। कई मौकों पर वे यह भी कह चुके हैं कि अगर जैन सीइओ बनने की इच्छा जताएं तो वे एक मिनट में उन्हें अपनी कुर्सी देने को तैयार हैं।
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ग्राहकों को कब और कितने का बीमा प्रस्ताव रखा जाए यही विशेषता जैन को अन्य बीमा विशेषज्ञों से अलग खड़ा करती है। वे अपने ग्राहकों से लाखों-करोड़ों रुपए का प्रीमियम भरवाने का हुनर जानते हैं जिसकी बफेट कद्र करते हैं। जैन जैसी प्रतिभा फिलहाल किसी और के पास नहीं है। वे बीमा व्यवसाय में अद्वितीय क्षमता, गति, निर्णायकता और सबसे महत्वपूर्ण दिमाग को जोड़ते हैं। उनके रहते बर्कशायर पर कभी कोई जोखिम नहीं आया। मनी कंट्रोल के मुताबिक जैन की नीतियों के चलते ही न केवल बफेट को उच्च रिटर्न मिला बल्कि जैन ने कम लागत वाले क्षेत्रों से भी कंपनी को खूब धन कमा कर दिया। वे गूगल अल्फाबेट (Google Alphabet) के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के सत्य नडेला और अडोबे (Adobe) के शांतनु नारायण के बाद पश्चिम में भारतीय प्रतिभा का एक सूरज बनने जा रहे हैं।
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