scriptALEART : घरों के कबाड़ में छुपा है रेडिएशन! | Alert: Radiation is hidden in the junk of homes | Patrika News

ALEART : घरों के कबाड़ में छुपा है रेडिएशन!

Published: Feb 23, 2020 07:43:08 pm

Submitted by:

pushpesh

-अमरीका के संग्रहालय (National Museum of Nuclear Science & History) में रखी प्राचीन कलाकृतियों में रेडियोधर्मी पदार्थ (radioactive waste) मिलने के बाद खलबली-वैज्ञानिकों ने बताया कैसे घातक हो सकती हैं घरों में जमा वस्तुएं

ALEART : घरों के कबाड़ में छुपा है रेडिएशन!

ALEART : घरों के कबाड़ में छुपा है रेडिएशन!

जयपुर.

कुछ अरसे पहले नेवादा, अमरीका के नेशनल एटॉमिक टेस्टिंग म्यूजियम की संरक्षक नताली लुवेरा उस वक्त चिंता में पड़ गई, जब म्यूजियम में रखे 1920 में बने एक उपकरण में उन्हें रेडिएशन का खतरा महसूस हुआ। स्क्रोटल रेडिएंडोक्रिनेटर नाम का ये उपकरण विकिरण के जरिए शरीर को ताकत देने के लिए बनाया गया था। सोने की परत चढ़ा यह उपकरण आज भी खतरनाक बना हुआ है। लुवेरा ने गीजर काउंटर से इसका परीक्षण किया तो चिंताजनक रीडिंग मिली। इसके बाद रेडियोएक्टिविटी रेस्पॉन्स टीम को चेक करने के लिए बुलाया गया। टीम ने तत्काल लुवेरा से कहा, आप यहां मत रुकिए। इसके बाद टीम ने इसे रेगिस्तानी इलाके में दबा दिया। यह जगह लास वेगास के पास यूएफओ पर खोज के लिए चर्चित एरिया 51 के निकट है। ऐसी ही कई वस्तुएं और कलाकृतियां संग्रहालय में अब भी हैं, जिनमें रेडियोधर्मी विकिरणों का खतरा है।
घरों में हो सकती है ऐसे सामानों की भरमार
न्यू मैक्सिको के अल्बुकर्क में परमाणु इंजीनियर कार्ल विलिस कहते हैं, अब भी घरों और बेसमेंट में कबाड़ के बीच ऐसी वस्तुओं की भरमार है। आज हम रेडियोधर्मिता के खतरों से वाकिफ हैं, लेकिन 20वीं सदी के शुरुआती दशकों में कई रूपों में विकिरण मौजूदा था। क्वींसलैंड रेडिएशन आंकोलॉजिसट रोजर मैकलिस ने कहा, रेडिएशन बहुत शक्तिशाली है, लेकिन यह ब्रह्मांड की सबसे गलत समझी जाने वाली ताकत है। हालांकि आज ये खतरे और बढ़ गए हैं।
यूरोप और अमरीका में बने रेडियोधर्मी पदार्थ
1920 से 1940 के दशक में अमरीका ओर यूरोप में टूथपेस्ट, हेयर क्रीम और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों में भी रेडियोधर्मी पदार्थ शामिल थे, जिनके संग्रह को आज लोग बड़े शौक से देखने जाते हैं। विलीस कहते हैं कि डिवाइस अभी भी काफी मात्रा में विकिरण छोड़ता है। वे कहते हैं ऐसे ही कई पदार्थ हैं, जिनके करीब रहने से कैंसर, जलन और बांझपन हो सकता है। 1932 में न्यूयॉर्क के एबेन बायर्स की रेडिथर की बोतल सूंघने के दौरान मौत हो गई थी।
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