न्यू मैक्सिको के अल्बुकर्क में परमाणु इंजीनियर कार्ल विलिस कहते हैं, अब भी घरों और बेसमेंट में कबाड़ के बीच ऐसी वस्तुओं की भरमार है। आज हम रेडियोधर्मिता के खतरों से वाकिफ हैं, लेकिन 20वीं सदी के शुरुआती दशकों में कई रूपों में विकिरण मौजूदा था। क्वींसलैंड रेडिएशन आंकोलॉजिसट रोजर मैकलिस ने कहा, रेडिएशन बहुत शक्तिशाली है, लेकिन यह ब्रह्मांड की सबसे गलत समझी जाने वाली ताकत है। हालांकि आज ये खतरे और बढ़ गए हैं।
1920 से 1940 के दशक में अमरीका ओर यूरोप में टूथपेस्ट, हेयर क्रीम और अन्य सौंदर्य प्रसाधनों में भी रेडियोधर्मी पदार्थ शामिल थे, जिनके संग्रह को आज लोग बड़े शौक से देखने जाते हैं। विलीस कहते हैं कि डिवाइस अभी भी काफी मात्रा में विकिरण छोड़ता है। वे कहते हैं ऐसे ही कई पदार्थ हैं, जिनके करीब रहने से कैंसर, जलन और बांझपन हो सकता है। 1932 में न्यूयॉर्क के एबेन बायर्स की रेडिथर की बोतल सूंघने के दौरान मौत हो गई थी।