scriptटैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी | Allis Markham left her social media job to become a rogue taxidermist | Patrika News

टैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी

locationजयपुरPublished: Nov 25, 2019 08:01:24 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

शौक को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लेना हमारी कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा देता है। लेकिन अपने शौक को अपना जुनून बनाने के लिए कीमत भी चुकानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही किया लॉस एजिल्स निवासी 32 वर्षीय एलीस मार्खम ने। उन्हें टैक्सीडेमी (जानवरों की खाल को खास तकनीक से संरक्षित करना) का पढ़ाई के दिनों से ही शौक था।

टैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी

टैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी

साल 2013 में जब वे सिलिकॉन वैली में डिज्नी कंपनी के लिए सोशल मीडिया स्ट्रेटजी की निदेशक के रूप में काम कर रही थीं तब उन्हें अपने इस शौक को पूरा करने का पहली बार अवसर मिला। वे मोंटाना में दो सप्ताह के टैक्सिडेमी की कला सीखने की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने लॉस एंजिल्स के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय में एक वॉलंटीयर के रूप में संग्रहालय के प्रमुख टैक्सडर्मिस्ट टिम बोवर्ड के निर्देशन में काम करना शुरू कर दिया। अपनी मेहनत और लगन के बूते वे साल भर में ही संग्रहालय की टीम का हिस्सा बन गईं।
टैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी
साबित की अपनी प्रतिभा
एलीस आज एक सफल टैक्सीडेमी आर्टिस्ट हैं। उनका काम देश के विभिन्न संग्रहालयों, जू, प्रकृति केंद्रों के अलावा होटल चेन, टेलीविजन शो और विज्ञापनों में भी नजर आता है। उनके बनाए विगत दो टैक्सीडेमी आर्ट को उन्होंने 2.80 लाख (3900 डॉलर) में बेचा है। वे भले ही परंपरागत टैक्सीडेमी आर्टिस्ट न हों लेकिन उन्होंने इस पुरुष-प्रधान कला क्षेत्र में नए प्रयोग कर अपनी प्रतिभा साबित की है। वे साल 2017 में आयोजित वल्र्ड टैक्सीडेमी और फिश कार्विंग चैम्पियनशिप में तीसरे स्थान पर रहीं। वे एक अनुभवी पक्षी विशेषज्ञ भी हैं।
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ऐसे करती हैं जीवों को संरक्षित
जंगली जीव-जंतुओं की टैक्सीडर्मी प्रक्रिया हमेशा इसके आधार से शुरू होती है। इसे पुनर्चक्रित या पुरानी सामग्री, लकड़ी के टुकड़े या शाखों से बनाया जाता है। मार्खम अपने काम को आकार देने के लिए इनके अलावा रेत और बैंड शॉ मशीन का भी उपयोग करती हैं। छोटे पक्षियों के लिए वह अक्सर चीनी मिट्टी के बरतन का प्रदर्शन करती हैं जिसे एवेस डियोरामा कहा जाता है। मोर जैसे बड़े पक्षियों के लिए वे सही प्लेटफॉर्म का चुनाव करती हें ताकि वह सक्रिय और अधिक सजीव नजर आए। एक बार रेखाचित्र स्वीकृत हो जाने के बाद मार्खम पक्षी की मुद्रा के लिए अपने डिजाइन पर काम करना शुरू कर देती हैं। उनके स्टूडियो के तीन फ्रीजरों में 1500 से अधिक जीव-जंतुओं की खाल रखी रहती है।
टैक्सीडेमी शौक के लिए छोड़ी सिलिकॉन वैली की नौकरी
लोगों को जागरूक भी कर रहीं
उनके पास आने वाले ज्यादातर नमूने उन जीव-जंतुओं के हैं जो प्राकृतिक रूप से इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं। उन्हें खुशी है कि वे अपने काम से इन वन्य जीव-जंतुओं और प्रकृति के संदेशवाहकों के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रही हैं। उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके पास आने वाले लोग केवल अपने शौक के लिए इन्हें नहीं मार रहे हैं। उनकें पास चिडिय़ाघर, किसानों, बवाच दल, प्रजनकों और ग्रामीण क्षेत्र से अधिक कॉल आते हैं। वे अपने पास आसने वाले नमूनों को स्वयं भंडारण के लिए तैयार करती हैं। वे टैक्सिडेमी का प्रशिक्षण भी देती हैं। इतना ही विशेष मांग पर संग्रहालयों के लिए खास कस्टम आइटम भी बनाती हैं। उन्होंने ऐसे नमूनों को भी रेस्टोर करने का काम किया है जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं।
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