scriptपरोपकार से होता है आत्मा का उत्थान | Altruism leads to the up lift of soul | Patrika News

परोपकार से होता है आत्मा का उत्थान

locationचेन्नईPublished: Nov 09, 2018 11:06:55 am

Submitted by:

Ritesh Ranjan

साध्वी धर्मलता ने कहा कि जीवन एक डायरी है। हर साल डायरी का एक एक पृष्ठ है और हर कार्य एक एक अक्षर है।

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परोपकार से होता है आत्मा का उत्थान

चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा कि जीवन एक डायरी है। हर साल डायरी का एक एक पृष्ठ है और हर कार्य एक एक अक्षर है। जिस प्रकार डायरी सुदंर और सुरक्षित अच्छी लगती है उसी प्रकार जीवन की डायरी को सुधारना है या बिगाडऩा है। यदि जीवन में सद्कार्यों की रांगोली , सद् भावनाओ के चित्र बनाते है, ध्यान का दीपक प्रकाशित करेंगे। तप के तोरण बांधेगे , परोपकार और प्रेम से महकता जीवन बनाएंगे तो आत्मा का उत्थान हुए बिना नहीं रहेगा और जीवन में कोई काला दाग नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि भगवान निर्वाण के बाद सुदर्शना ने अपने भाई नंदीवर्धन को प्रभु के वियोग का दुख का भुलाने के लिए अपने घर बुलाया , भोजन करवाया और सांत्वना दी। इसलिए इस दिन को भाईदूज कहा गया। हर बहन अपने भाई को कहती है तुम तन से तंदरूस्त रहना, मन से पवित्र रहना और धन से धनवान बनना। दूज के चंद्रमा की तरह निष्कलंक जीवन जीना। भाई बहन का प्रेम, खारे समुद्र में मीठे पानी के कुंड के समान होता है। वन में लिपटी बेल के समान होता है। साध्वी अपूर्वा ने शांतिनाथ भगवान के जीवन पर प्रकाश डाला।
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