वाराणसी

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत के बयान पर अंजुमन कमेटी के वकील का पलटवार, बोले…

काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के बयान कि ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति ही आदि विशेश्वर का शिवलिंग है और उसकी नियमित पूजा-अर्चना का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। इसके लिए वो अदालत से दरख्वास्त करने वाले है। इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि, तो क्या अब तक जिन महादेव की पूजा हो रही वो क्या हैं?

वाराणसीMay 23, 2022 / 11:59 am

Ajay Chaturvedi

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव

वाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ. कुलपति तिवारी के बयान कि ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में मिली शिवलिंग की आकृति ही आदि विशेश्वर का शिवलिंग है, इसकी पूजा-अर्चना का अधिकारा उन्हें मिलना चाहिए। इसके लिए वो अदालत से दरख्वास्त करेंगे। इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कहा कि वो भी काशी विश्वनाथ के भक्त हैं। ऐसे में वो ये जानना चाहते हैं कि अगर ज्ञानवापी परिसर में मिली आकृति शिवलिंग है तो वो क्या है जिसकी पूजा अर्चना इतने सालों से हो रही है।
बोले अधिवक्ता जिनकी वर्षों से पूजा हो रही वो कौन?

अधिवक्ता ने कहा है कि महंत डॉ तिवारी को ये भी स्पष्ट करना चाहिए कि इसके पहले क्या काशी शिव विहीन थी? शिव यदि अब प्रकट हुबोए हैं तो मंदिर में जिनकी पूजा अर्चना की जा रही है वर्षों से वो कौन हैं। क्या वह डुप्लीकेट शिव हैं? कहा कि ये लोग ऐसे बयान दे कर खुद को ही संदेहास्पद कर देते हैं।
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दो ज्योतिर्लिंग तो होंगे नहीं

उन्होंने कहा कि ये तो वही लोग बताएंगे कि वास्तविक शिवलिंग मस्जिद के नीचे हैं या वो है जिसकी पूजा करने लोग विश्वनाथ मंदिर जाते हैं। दो ज्योतिर्लिंग तो नहीं हो सकते हैं। अब तो उन लोगों ने अपने बयानों से भगवान शंकर को भी विवादास्पद कर दिया है।
पहले मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई

अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत आज पहले इस मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई होनी चाहिए। कहा कि पहले ही हम प्रार्थना पत्र दे चुके हैं कि यह केस पोषणीय नहीं है। ऐसे में आज कोर्ट से अनुरोध करेंगे कि हमारे प्रार्थना पत्र पर पहले सुनवाई हो।
सर्वे रिपोर्ट, वीडियो लीक मामले पर भी देंगे प्रार्थना पत्र

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के तहखाने के वीडियो और सर्वे रिपोर्ट वायरल होने के मसले पर अदालत को अलग से प्रार्थना पत्र देकर जांच की मांग करेंगे।
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